बेनेदितो क्रोचे
व्यक्तिगत जानकारी | |
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जन्म | 25 फ़रवरी 1866 Pescasseroli, इटली |
मृत्यु | 20 नवम्बर 1952 Naples, इटली | (उम्र 86)
वृत्तिक जानकारी | |
युग | 20th-century |
क्षेत्र | Western philosophy |
विचार सम्प्रदाय (स्कूल) | Hegelianism, आत्मवाद, उदारवाद, इतिहासकता |
मुख्य विचार | इतिहास, aesthetics, politics |
प्रमुख विचार | उदारवाद कला अभिव्यंजन है |
बेनेदितो क्रोचे (Benedetto Croce [beneˈdetto ˈkroːtʃe]; 25 फ़रवरी 1866 – 20 नवम्बर 1952) इटली का आत्मवादी दार्शनिक था। उसने अनेकानेक विषयों पर लिखा जिनमें दर्शन, इतिहास, सौन्दर्य शास्त्र आदि प्रमुख हैं। वह उदारवादी विचारक था किन्तु उसने मुक्त व्यापार का विरोध किया।
बेनेदेत्तो क्रोचे का अभिव्यंजनावाद
अभिव्यंजनावाद के प्रवर्तक बेनेदेत्तो क्रोचे (Benedetto Croce) मूलतः आत्मवादी दार्शनिक हैं। उनका उद्देश्य साहित्य में आत्मा की अन्तः सत्ता स्थापित करना था। क्रोचे का अभिव्यंजनावाद कला के मूल तत्त्व की खोज का प्रयास है। कला का वास्तविक तत्त्व क्या है अथवा उसकी आत्मा क्या है, इस विषय में क्रोचे ने अपना गम्भीर विवेचन प्रस्तुत किया है, जो सूक्ष्म भी है। क्रोचे के समस्त सौन्दर्य-विवेचन में आत्म-तत्त्व प्रतिष्ठित है। यह आत्म-तत्त्व कलाकार की चेतना है। इस आत्म-तत्त्व को क्रोचे ने आन्तरिक अभिव्यक्ति कहा है, जो इस जगत् में मुख्य रूप से दो प्रकार की प्रतिक्रिया करता है।
कृतियाँ
- Materialismo storico ed economia marxistica, 1900 (ऐतिहासिक भौतिकवाद और मार्क्स का अर्थशास्त्र)
- Estetica come scienza dell’espressione e linguistica generale, 1902 (अभिव्यक्ति के विज्ञान के रूप में सौन्दर्यमीमांसा तथा सामान्य भाषाविज्ञान)
- Logica come scienza del concetto puro, 1909 (Logic as a science of pure concept)
- Filosofia della practica, 1913 (व्यवहार का दर्शन)
- Teoria e storia della storiografia, 1917 (इतिहासलेखन का सिद्धान्त और इतिहास)
- Breviari di estetica, 1920 (सौन्दर्यमीमांसा का सार)
- La poesia di Dante, 1921 (दाँते का काव्य)
- Storia d’Italia dal 1871 al 1915 (१८७१ से १९१५ तक का इटली का इतिहास)
- La poesia, 1936 (कविता)
- Indagini su Hegel, 1952 (हेगेल की जाँच-परख)