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बुर्ज

रूस के नालचिक शहर में सोसरुको बुर्ज

बुर्ज (अंग्रेज़ी: tower) ऐसी ईमारत या ढाँचे को कहते हैं जिसकी ऊँचाई उसकी चौड़ाई से काफ़ी अधिक हो। अगर ढांचा ज़्यादा ऊंचा हो तो उसे मीनार (miraret) कहा जाता है, हालांकि साधारण बोलचाल में कभी-कभी 'बुर्ज' और 'मीनार' को पर्यायवाची शब्दों की तरह प्रयोग किया जाता है। बहुत ही कम चौड़ाई रखने वाले और खिचे से दिखने वाले ढांचों को 'बुर्ज' की बजाए 'खम्बा' या 'स्तम्भ' (pillar) कहा जाता है। बुर्जों का प्रयोग कई वजहों से किया जाता है, जिनमें अक्सर बुर्जों से दूर तक दिखाई दे सकने का लाभ उठाया जाता है, मसलन संतरी-बुर्जों (watchtowers) में, होटलों में और महलों में। मानव हज़ारों सालों से बुर्जों का निर्माण करते आ रहें हैं और इसमें ईंट, मिटटी, लकड़ी जैसी सामग्रियों का इस्तेमाल होता आया है। मध्य पूर्व के जेरिको (Jericho) शहर में ९,००० साल पुराने बुर्ज अस्तित्व में हैं।[1]

कुछ बुर्जों की तस्वीरें

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. The silent past: mysterious and forgotten cultures of the world, Ivar Lissner, Putnam, 1962, ... The oldest tower in the world, it existed even before Jericho acquired its protective walls. The men who planned and constructed it lived nine thousand or more years ago, and it is about four thousand years older than the oldest Pyramid ...