बुद्ध अन्तरराष्ट्रीय परिपथ
बुद्ध अन्तरराष्ट्रीय परिपथ (Buddh International Circuit) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के नोएडा में बना फॉर्मूला वन दौड़ का परिपथ (रास्ते का लूप) है। इसका उद्घाटन १८ अक्टूबर २०११ को किया गया। ३० अक्टूबर २०११ को इस पर 'फॉर्मूला वन भारतीय ग्रैण्ड प्रिक्स' का आयोजन हुआ जिसमें जर्मनी के सिबेस्तियन वेटेल ने खिताब अपने नाम किया।
परिचय
दो हजार करोड़ रुपए की लागत से बने इस सर्किट में ऐसे सभी अत्याधुनिक उपकरण व तकनीक इस्तेमाल की गई हैं जो किसी अंतरराष्ट्रीय सर्किट के लिए जरूरी हैं। इस ट्रैक को जर्मनी के हर्मन टिल्के द्वारा 5000 कामगारों, 300 इंजीनियरों एवं देश विदेश के नामी एफ1 सर्किट विशेषज्ञों की मदद से ढाई वर्ष में तैयार किया गया है।
यमुना एक्सप्रेस मार्ग पर 250 एकड़ जमीन पर बनाए गए बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट की कुल दर्शक क्षमता एक लाख लोगों की है, जिसमें नार्थ से ईस्ट तक का 1.4 किमी का ट्रैक सबसे तेज है। इस पर कार 317 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भी दौड़ सकती है। इस ट्रैक पर करीब 210 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली फार्मूला वन कार एक मिनट 27 सेकंड में एक लैप पूरा कर सकेंगी। रेस में कुल 60 लैप होंगे।
सर्किट के मुख्य ग्रैंड स्टैंड की क्षमता 20 हजार दर्शकों की है जबकि यह पूरा सर्किट 5.14 किमी का है। ट्रैक के साथ-साथ कृत्रिम झील भी बनी हुई है और दर्शकों के लिए पिकनिक स्टैंड भी है, जहां वे छतरियों के नीचे बैठकर रेस का मजा ले सकते हैं।
सर्किट में बने मेडिकल सेंटर में 60 डॉक्टरों सहित कुल 106 लोगों का मेडिकल स्टाफ है जो रेसरों और अन्य संबंधित लोगों के लिए है। इसके अलावा 95 अन्य लोगों का मेडिकल स्टाफ है जो दर्शकों को आपात स्थिति में मदद करेगा।
सर्किट में दो हेलीकाप्टर भी मौजूद रहेंगे जो किसी गंभीर स्थिति में पीड़ित व्यक्ति को अस्पताल ले जा सकेंगे। दर्शकों को लाने ले जाने के लिए दिल्ली से चार्टर बसें भी चलेंगी और सर्किट में 16000 कारों की पार्किंग की व्यवस्था भी की गई है।
लोगों का उत्साह बढ़ाने के लिए इंडियन ग्रां प्री का थीम सांग हम में रफ्तार, जीतें बारबार भी लांच किया गया है जिसे लेस्ली लुइस, दलेर मेंहदी और लकी अली ने गाया है।
इंटरनेशल ऑटोमोबाइल फेडरेशन (एफआईए) द्वारा आयोजित 18वां फार्मूला वन ग्रां प्री 2011 में भारत में बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर हुआ। 30 अक्टूबर को हुई पहली फार्मूला वन रेस 'इंडियन ग्रां प्री' में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ 24 ड्राइवर ने हिस्सा लिया जिसमें जर्मनी के सिबेस्तियन वेटेल ने खिताब अपने नाम किया।
विशेषता
बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट के 14 स्टेंड्स में कुल एक लाख 20 हजार दर्शकों के बैठने की क्षमता है। 30 हजार सीटें मुख्य ग्राउंडस्टैंड में है। फॉर्मूला-1 रेस ट्रैक बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट 875 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसके ट्रैक की लंबाई 5.14 किलोमीटर है। इसमें 60 लैप होंगे। रेस की कुल लंबाई 308.4 किलोमीटर है। पूरे ट्रैक में 16 मोड़ है और उतार-चढ़ाव वाले स्लोप बनाए गए हैं, जो रेस को रोमांचक बनाएंगे। इस सर्किट को चार जोन में विभाजित किया गया है - उत्तर, पश्चिम, पूर्व और दक्षिण। इस सर्किट का सबसे लम्बा स्ट्रेच 1.4 किलोमीटर का है जो मोड-3 पर आता है। इस स्ट्रेच पर कारों की अधिकतम रफ्तार 320 किलोमीटर प्रति घंटे पहुंच सकती है। जर्मनी के मशहूर ट्रैक डिजायनर हर्मन टिल्के ने इसे डिजाइन किया है। इस ट्रैक को दुनिया का सबसे तेज ट्रैक माना जा रहा है। इस एफ वन सर्किट को 400 मिलियन डॉलर (40 करोड़ डॉलर) या 2 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट का स्वामित्व जेपी समूह / जेपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड कम्पनी के पास है। यहाँ 28 से 30 अक्टूबर 2011 को भारत की पहली फ़ॉर्मूला-1 रेस 'इंडियन ग्रांड प्रिक्स' आयोजित किया गया।
बाहरी कड़ियाँ
- दुनिया के स्वागत को तैयार बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (अमर उजाला)
- Sports/Something-special-Buddha-International-Circuit-7008-6.html कुछ खास है बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट[मृत कड़ियाँ] (अमर उजाला)
- भारत में फॉर्मूला वन का रोमांच (जी न्यूज)
- Latest pictures of Indian GP - Buddh International Circuit
- Videos: Latest construction progress at Indian GP Circuit
- Jaypee Sports International Limited
- Budh International Circuit Inaugurated