बीडब्ल्युएफ विश्व प्रतियोगिताएँ (पहले आईबीएफ विश्व प्रतियोगिताएँ, अन्य नाम विश्व बैडमिंटन प्रतियोगिताएँ) एक विश्व स्तरीय बैडमिंटन प्रतियोगिता है जो विश्व बैडमिंटन संघ/बीडब्ल्युएफ के द्वारा आयोजित करायी जाती है। ग्रीष्मकालीन ओलम्पिकों के साथ-साथ ये प्रतियोगिताएँ किसी अन्य प्रतियोगिता की तुलना में खिलाड़ियों को सर्वाधिक वरीयता अंक दिलाती हैं। [1] विजेताओं को विश्व विजेता के खिताब से नवाजा जाता है और स्वर्ण पदक दिये जाते हैं।[2] हालांकि इसमें कोइ पुरस्कार राशि नहीं मिलती है। [3]
प्रतियोगिता की शुरुवात 1977 में हुई और 1983 तक हर तीसरे साल आयोजित की जाती रहीं। आईबीएफ को पहले दो प्रतियोगिताओं को आयोजित करने में मशक्क्त करनी पड़ी क्योंकि विश्व बैडमिंटन संघ भी आईबीएफ प्रतियोगिताओं के एक साल बाद ही उसी मानदण्ड के अपने विश्व स्तरीय प्रतियोगिताएँ आयोजित करवाता था। बाद में आईबीएफ का विश्व बैडमिंटन संघ में विलय हो गया। 1985 से 2005 तक यह प्रतियोगिता हर दो साल पर होने लगी। 2006 से ज्यादा खिलाड़ियों को विश्व विजेता बनने का मौका देने के लिये यह प्रतियोगिता हर साल आयोजित की जाती है। हालांकि ओलम्पिक वर्षों में यह प्रतियोगिता नहीं होती है क्योंकि ओलम्पिक स्वयं में ही एक विश्व स्तरीय प्रतियोगिता है।
विश्व प्रतियोगिताओं के स्थान
नीचे तालिका सभी मेजबान शहरों व देशों की सूची है। देश और शहरों के सामने की संख्या यह बताती है कि इतनी बार यहाँ ये प्रतियोगिताएँ आयोजित हो चुकी हैं।
बीडब्ल्युएफ विश्व प्रतियोगिताओं आजतक सिर्फ २० देशों ने ही कम से कम एक पदक जीता है: एशिया के दस, यूरोप के आठ, उत्तरी अमेरिका में एक व ओसीनिया में एक। अफ्रीकी महाद्वीप के देशों ने आजतक कोई पदक नहीं जीता है।
१८ वर्ष की उम्र में रत्चानोक इंथेनॉन प्रतियोगिता के इतिहास में एकल खिताब जीतने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हैं।[4] रत्चानोक जांग ह्ये-ओक से ३ महीनों से भी कम छोटी थी जब उन्होंने 1995 प्रतियोगिताओं के महिला युगल का खिताब जीता था।[5]
सफलतम खिलाड़ी व राष्ट्रीय टीमें
सफलतम खिलाड़ी
विभिन्न खिलाड़ीयों ने वैश्विक प्रतियोगिताओं में एक से ज्यादा श्रेणियों में स्वर्ण पदक जीते हैं, जैसे:
झाओ युनलेई, 2014 & 2015, महिला युगल व मिश्रित युगल
१९७७ से २०११ तक, पदक अधिकतर पाँच मुख्य देशों चीन, कोरिया, डेनमार्क, इंडोनेशिया और मलेशिया के बीच में ही बंटते रहे। २००३ में यह संख्या बढकर ७ और २००५ में १० हो गयी जब पाँच अन्य देशों को भी कोई ना कोई पदक मिला।
टोनी गुनावन ने पुरुष युगल में दो बार स्वर्ण पदक जीता है, २००१ में इंडोनेशिया के हलीम हर्यांतो और २००५ में अमेरिका के हॉवर्ड बॉक के साथ स्वर्ण जीतकर उन्होंने अमेरिका को प्रतियोगिता का पहला पदक दिलाया।
२००५ के संस्करण में मिश्रित युगल श्रेणी में कुछ नए चेहरे देखने को मिले। इस श्रेणी में १९९७ से अभी तक सिर्फ चीनी व कोरियाई खिलाड़ियों की प्रभुद्धता थी। दो बार की विजेताओं किम डोंग-मून/रा क्युंग-मिन (कोरिया) के सेवानिवृत्ति के बाद, नोवा विदिआंतो/लिल्याना नात्सिर ने इंडोनेशिया के लिये १९८० के बाद पहला मिश्रित युगल स्वर्ण पदक जीता।
नीचे सर्वाधिक सफल खिलाड़ियों की सूची है जिन्हें ३ या उससे अधिक स्वर्ण पदक मिल चुके हैं।[6]
पुए: पुरुष एकल; मए: महिला एकल; पुयु: पुरुष युगल; मयु: महिला युगल; मियु: मिश्रित युगल
सफल राष्ट्रीय टीमें
नीचे २०१३ के बाद से स्वर्ण पदक विजेता टीमों की सूची देशों व खेल की विभिन्न श्रेणियों के आधार पर दी गई है। १९७७ में इसकी शुरुवात के बाद से ही चीन की टीम विश्व प्रतियोगिताओं में सबसे सफल टीम रही है।
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