बीजेटी
बाईपोलर जंक्शन ट्रांजिस्टर या बीजेटी ( BJT), वे ट्रांजिस्टर हैं जिनमें इलेक्ट्रान और होल (hole) दोनों आवेश संवाहक का कार्य करते हैं।
संरचना
कार्य सिद्धान्त
- .
किरचॉफ के धारा नियम (KCL) के अनुसार, बीजेटी के तीनों टर्मिनलों में घुसने वाली धाराओं का योग शून्य होता है, दूसरे शब्दों में-
जहाँ कलेक्टर धारा, बेस धारा, एमिटर धारा है, तथा 'क्कॉमन एमिटर करेण्ट गैन' है।
वैशिष्ट्य
उपयोग
बीजेटी का उपयोग दो प्रकार से किया जाता है।
- (१) ऐक्टिव क्षेत्र में - इस क्षेत्र में बीजेटी रैखिक क्षेत्र में कार्य करता है तथा इसकी कलेक्टर धारा और बेस धारा का अनुपात लगभग अपरिवर्ती होता है। प्रवर्धक के रूप में या नियन्त्रक (लिनियर रेगुलेटर) के रूप में कार्य करते समय बीजेटी ऐक्टिव क्षेत्र में ही कार्य करता है।
- (२) स्विच के रूप में - इलेक्ट्रानिक स्विच के रूप में कार्य करते समय बीजेटी या तो 'कट ऑफ क्षेत्र' में रहता है (तब इसकी कलेक्टर धारा लगभग शून्य होती है), या 'संतृप्त क्षेत्र' में रहता है (इस दशा में इसका कलेक्टर-एमिटर वोल्टेज लगभग ०.२ से ०.५ वोल्ट तक होता है)।
स्विच के रूप में उपयोग के उदाहरण:
- लॉजिक परिपथों में,
- एसएमपीएस में,
- रिले के ड्राइवर के रूप में। आदि।