बिहारी पुरस्कार
के के बिड़ला फाउंडेशन द्वारा साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए 1991 ईस्वी में कवि बिहारीलाल के नाम स्थापित यह पुरस्कार केवल राजस्थान के किसी लेखक को प्रदान किया जाता है इस पुरस्कार के अंतर्गत एक लाख रुपये एक प्रसारित पत्र एवं एक प्रतीक चिन्ह प्रदान किया जाता है इस का प्रथम पुरस्कार 1991 में डॉक्टर जयसिंह नीरज को उनके काव्य संकलन ढाणीका आदमी के लिए प्रदान किया गया वर्ष 2015 का यह पुरस्कार डॉक्टर भगवतीलाल व्यास को उनके काव्य संग्रह कथा सुन आवे हैं के लिए प्रदान किया गया सन 2016 का पुरस्कार सत्यनारायण की कृति यह एक दुनिया के लिए दिया गया.
अंतिम बार माधव हाङा को मिला