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बिशप कॉटन स्कूल, शिमला

बिशप कॉटन स्कूल, शिमला (हिमाचल प्रदेश) भारत में सबसे पुराने बोर्डिग स्कूलों में से एक है। इस स्कूल की स्थापना 28 जुलाई 1859 को हुई थी। इस स्कूल ने 2009 में अपने 150 साल पूरे कर लिए थे। बिशप जॉर्ज एडवार्ड लिंच कॉटन इसके संस्थापक है। इस स्कूल का कैंपस 56 एकड़ में फैला हुआ है। इस स्कूल में लगभग 500 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं। भारत में पहली बार बिशप कॉटन स्कूल नोयकोचित ढंग से शुरू किया गया। स्कूल के अधिकारियों ने मिलकर चार कप्तान नियुक्त किए। कक्षा तीसरी से कक्षा आठवीं तक स्कूल का स्वयं का पाठ्यक्रम है और कक्षा नौंवी से 12वीं तक का पाठ्यक्रम आईसीएसई पर आधारित है। इस स्कूल का ध्येय वाक्य ओवरकम एविल विद गुड है। स्कूल का मुख्य हाल इरविन हाल है। पीछे बाईं ओर पार्क है और दाईं ओर सिट्र हाल व प्रयोगशाला स्थित है। खेलकूद की सुविधाएं बाबा स्क्वैश कोर्ट और इनडोर बैडमिंटन के लिए शंकर हाल शामिल हैं। छात्रों के लिए छात्रावास की विशेष रूप से व्यवस्था की गई है और उनकी देखभाल एवं पर्यवेक्षण के लिए अलग से स्टाफ की नियुक्ति की गई है। अपनी इन्हीं विशेष उपलब्धियों के कारण बिशप कॉटन स्कूल भारत में ही अपितु पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस स्कूल के प्रदेश एवं देश के कई प्रमुख हस्तियों ने शिक्षा ग्रहण की है।


सन्दर्भ