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बिराई

पश्चिमी जोधपुर जिले के बालेसर क्षेत्र में बिराई गांव है इस गांव का इतिहास अति प्राचीन है यह पर सभी समुदाय के लोग रहते है।।गांव में अधिकांश लोग चारण जाति से संबंधित है जो देवजाति के रूप में सम्मान प्राप्त है। इस गांव पर श्री करणी माता, आवड़ माता व मालण दुलाई माता का विशेष आशीर्वाद है।

धार्मिक स्थल-

1. श्री मातेश्वरी मालण दुलाई धाम, बिराई ।

2. गौरक्षक दाता श्री टीकम जी का स्थान ।

3.आराध्य देव बाबा रामदेव जी का मंदिर ।

4.ठाकुर जी (श्री कृष्ण) का मंदिर ।

5.कुलदेवी चामुंडा माता का मंदिर ।

6. संत श्री रामदास जी साऴ ।

7.संत श्री रामदास जी गोशाला।

8.कालका माता जी का मंदिर।

यहां के आमजन की भाषा राजस्थानी (बोली - मारवाड़ी)भाषा है।

बिराई गांव में प्रतिवर्ष मां मालण दुलाई की जयंती मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी को धूमधाम से मनाई जाती है। जन्मोत्सव की पूर्व संध्या (शुक्ल षष्ठी)को माताजी के स्थान पर विशाल भजन संध्या का आयोजन होता है जिसमे कई विख्यात चिरजा गायक मां के दरबार में प्रस्तुतियां दे चुके है।सप्तमी के दिन सुबह मां की आरती के बाद विशाल जुलूस के साथ माताजी की पालकी के साथ भक्त जयकारे लगाते हुए व चिरजा करते हुए सम्पूर्ण गांव की परिक्रमा करते है। इस दौरान माताजी आशीर्वाद देने हेतु संवली रूप (चील) में आकर भक्तो पर कृपा बरसाते है।

इसके अलावा गांव में अन्य त्यौहार जैसे होली,दीपावली, अक्षय तृतीया,आदि भी धूमधाम से मनाएं जाते है।

सन्दर्भ