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बिनाका गीत माला

अमीन सयानी; बिनाका गीत माला के उद्धोषक जिनके मनमोहक अंदाज़ ने सबको दीवाना बना दिया था

बिनाका गीतमाला भारतीय फिल्मी संगीत का सबसे पहला काउंट डाउन (count down) कार्यक्रम था रेडियो पर| 1950 और 1960 के दशक फिल्म, फिल्म संगीत और रेडियो के दशक थे| फिल्म और रेडियो के अलावा कोई और विशेष साधन नहीं था उन दिनों मनोरंजन का| लोकप्रिय फिल्मी गीतों पर आधारित एक कार्यक्रम प्रसारित होता था उन दिनों रेडियो सीलोन से - बिनाका गीतमाला| फिल्मी गीतों से सम्बंधित सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम था ये उस समय का| हर बुधवार को रात 8 बजे से 9 बजे तक बिनाका गीतमाला सुनने के लिये लोग रेडियो से चिपक जाया करते थे| मेलोडियस धुनों और मधुर कंठस्वरों का संगम श्रोताओं को पूरे एक घंटे तक भाव विभोर बनाये रखता था।

बिनाका गीतमाला का आरम्भ 3 दिसम्बर 1952 को हुआ था।।

बिनाका गीतमाला का पहला कार्यक्रम सन् 1952 के अंतिम सप्ताह में प्रसारित हुआ था। महल, नागिन, उड़न खटोला जैसे फिल्मों, जिनकी आत्माओं में केवल मधुर संगीत बसता था, का जमाना था वो| मधुर गीतों के साथ उद्घोषक अमीन सयानी के विशेष अंदाज ने मोह लिया श्रोताओं को और अपने पहले ही प्रसारण से बिनाका गीतमाला सर्वाधिक लोकप्रिय कार्यक्रम बन गया रेडियो का| सन् 1952-53 तक केवल 7 गाने प्रसारित किये जाते थे इस कार्यक्रम में और गीतों को लोकप्रियता का दर्जा भी नहीं दिया जाता था। सन् 1954 से बिनाका गीतमाला काउंट डाउन (count down) कार्यक्रम बन गया और गानों को रेटिंग दिया जाने लगा| उस सन् के पहले कार्यक्रम में तलत महमूद का गाया गीत ‘जायें तो जायें कहाँ…..’ शीर्ष गीत (topper) था।

लोकप्रियता आधार

लोकप्रियता ही मुख्य आधार होता था गानों के रेटिंग का| गीतों के रेकॉर्ड के बिक्री के आंकड़े (sales figure) एकत्रित किये जाते थे लोकप्रियता के निर्धारण के लिये और श्रोताओं के मत (vote) भी लिये जाते थे| परंतु बाद में यह पता चलने पर कि कई गानों के लिये श्रोतागण फर्जी नामों के अनेक मतपत्र भेज देते हैं, व्होटिंग की पद्धति को समाप्त कर दिया गया|

पुनर्नामकरण

बिनाका गीतमाला के नाम को दो बार बदला गया, पहले सिबाका गीतमाला और बाद में कोलगेट गीतमाला के रूप में| बाद में सिबाका गीतमाला का प्रसारण रेडियो विविध भारती से भी किया जाने लगा पर विविध भारती में इसका नाम सिबाका संगीतमाला हुआ करता था। कोई भी गाना 25 बार बजने के बाद रिटायर कर दिया जाता था, गाना बजने के पायदानो की संख्या को जोड़ कर उसकी रेटिंग वार्षिक आधार पर तय की जाती थी तथा दिसंबर के आखिरी बुधवार को बिनाका गीतमाला सरताज गीत बजता था।

प्रेरणा

इस कार्यक्रम के शुरू होने के वर्ष 39 बाद टेलीविजन पर फिल्मी गीतों के काउंट डाउन (count down) कार्यक्रम सुपरहिट मुकाबला शुरू हो जाने के कारण इसका लोगों में प्रभाव कम होने लगा और कार्यक्रम के 42वें वर्ष में इस कार्यक्रम को बंद कर दिया गया|

प्रति वर्ष शीर्ष गीत की सूची

Year Song Film Music Director Lyricist Singer(s)
१९५३ ये ज़िन्दगी उसी की है अनारकली सी. रामचंद्र राजेन्द्र कृष्णलता मंगेशकर
१९५४ जाएं तो जाएं कहाँ टैक्सी ड्राइवरसचिन देव बर्मनसाहिर लुधियानवीलता मंगेशकर, तलत महमूद
१९५५ मेरा जूता है जापानी श्री ४२०शंकर-जयकिशनशैलेन्द्रमुकेश
१९५६ ऐ दिल है मुश्किल सी आई डीओंकार प्रसाद नैय्यरमजरुह सुल्तानपुरीमुहम्मद रफ़ी, गीता दत्त
१९५७ ज़रा सामने तो आओ जनम जनम के फेरे श्री नाथ त्रिपाठी भरत व्यासमुहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर
१९५८ है अपना दिल तो आवारा सोलवाँ सालसचिन देव बर्मन मजरुह सुल्तानपुरी हेमंत कुमार
१९५९ हाल कैसा है जनाब का चलती का नाम गाड़ीसचिन देव बर्मन मजरुह सुल्तानपुरी किशोर कुमार, आशा भोसले
१९६० वो बरसात की रात बरसात की रातरोशन साहिर लुधियानवी मुहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर
१९६१ तेरी प्यारी प्यारी सूरत को ससुराल शंकर-जयकिशन हसरत जयपुरीमुहम्मद रफ़ी
१९६२ एहसान तेरा होगा मुझपर जंगलीशंकर-जयकिशन हसरत जयपुरी मुहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर
१९६३ जो वादा किया वो निभाना ताज महल रोशन साहिर लुधियानवी मुहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर
१९६४ मेरे मन की गंगा संगम शंकर-जयकिशन शैलेन्द्र मुकेश, वैजयंतीमाला
१९६५ जिस दिल में बसा था प्यार तेरा सहेली कल्याणजी-आनंदजीइन्दीवरमुकेश, लता मंगेशकर
१९६६ बहारों फूल बरसाओ सूरजशंकर-जयकिशन हसरत जयपुरी मुहम्मद रफ़ी
१९६७ सावन का महीना मिलनलक्ष्मीकांत-प्यारेलालआनंद बख्शीमुकेश, लता मंगेशकर
१९६८ दिल-विल प्यार-व्यार शागिर्दलक्ष्मीकांत-प्यारेलाल मजरुह सुल्तानपुरी लता मंगेशकर
१९६९ कैसे रहूँ चुप इन्तक़ामलक्ष्मीकांत-प्यारेलाल राजेन्द्र कृष्ण लता मंगेशकर
१९७० बिंदिया चमकेगी दो रास्तेलक्ष्मीकांत-प्यारेलाल आनंद बख्शी लता मंगेशकर
१९७१ ज़िन्दगी एक सफर है सुहाना अंदाज़शंकर-जयकिशन हसरत जयपुरी किशोर कुमार, आशा भोसले
१९७२ दम मारो दम हरे रामा हरे कृष्णाराहुल देव बर्मनआनंद बख्शी आशा भोसले, ऊषा अय्यर
१९७३ यारी है ईमान मेरा ज़ंजीरकल्याणजी-आनंदजी गुलशन बावरामन्ना डे
१९७४ मेरा जीवन कोरा कागज कोरा कागज़कल्याणजी-आनंदजी ऍम जी हशमत किशोर कुमार
१९७५ महंगाई मार गयी रोटी कपड़ा और मकानलक्ष्मीकांत-प्यारेलाल वर्मा मलिक लता मंगेशकर, मुकेश, जानी बाबू कवाल, नरेंद्र चंचल
१९७६ कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है कभी कभीखय्यामसाहिर लुधियानवी लता मंगेशकर, मुकेश
१९७७ हुस्न हाज़िर है सज़ा पाने को लैला मज़नूमदन मोहनसाहिर लुधियानवी लता मंगेशकर
१९७८ अँखियों के झरोखों से मैंने देखा जो अँखियों के झरोखे सेरवीन्द्र जैनरवीन्द्र जैन हेमलता
१९७९ खइके पान बनारस वाला डॉनकल्याणजी-आनंदजी अंजान किशोर कुमार
१९८० डफली वाले डफली बजा सरगमलक्ष्मीकांत-प्यारेलाल आनंद बख्शी लता मंगेशकर, मोहम्मद रफ़ी
१९८१ मेरे अँगने में लावारिसकल्याणजी-आनंदजी अंजान अमिताभ बच्चन, अलका याज्ञनिक
१९८२ अंग्रेजी में कहते हैं खुद्दार राजेश रोशनमजरूह सुल्तान्पुरी किशोर कुमार, लता मंगेशकर
१९८३ शायद मेरी शादी का ख्याल सौतनउषा खन्ना सावन कुमार किशोर कुमार, लता मंगेशकर
१९८४ तू मेरा हीरो है हीरोलक्ष्मीकांत-प्यारेलाल आनंद बख्शी अनुराधा पौडवाल, मनहर उधास
१९८५ सुन सायबा सुन राम तेरी गंगा मैली रवीन्द्र जैन रवीन्द्र जैन लता मंगेशकर
१९८६ यशोदा का नंदलाला संजोग लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल अंजान लता मंगेशकर
१९८७ चिट्ठी आयी है नामलक्ष्मीकांत-प्यारेलाल आनंद बख्शी पंकज उधास
१९८८ पापा कहते हैं कयामत से कयामत तकआनंद-मिलिंदमजरूह सुल्तान्पुरी उदित नारायण
१९८९ माय नेम इस लखन राम लखनलक्ष्मीकांत-प्यारेलाल आनंद बख्शी मोहम्मद अज़ीज़
१९९० गोरी हैं कलाइयां आज का अर्जुनबप्पी लाहिरीअंजान लता मंगेशकर, शब्बीर कुमार
१९९१ देखा है पहली बार साजननदीम श्रवणसमीरअल्का याज्ञनिक, एस॰ पी॰ बालासुब्रमण्यम
१९९२ मैंने पपार तुम्ही से फूल और काँटेनदीम श्रवण समीर कुमार सानू, अनुराधा पौडवाल
१९९३ चोली के पीछे खलनायकलक्ष्मीकांत-प्यारेलाल आनंद बख्शी अल्का याज्ञनिक, इला अरुण
१९९४ दीदी तेरा देवर दीवाना हम आपके हैं कौनरामलक्ष्मण देव कोहली, रविंदर रावल लता मंगेशकर
१९९५ तुझे देखा तो ये जाना सनम दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगेजतिन-ललित आनंद बख्शी लता मंगेशकर, कुमार सानू

देखें

विविध भारती