बाल्ट्रा (गैलापागोस)
बाल्ट्रा द्वीप को दक्षिणी सेयमोर के नाम से भी जाना जाता है। बाल्ट्रा गैलापागोस द्वीपसमूह के केन्द्र के निकट स्थित एक छोटा सा सपाट द्वीप है। इसकी रचना भू उत्थान के द्वारा हुई है। यह द्वीप बहुत ही शुष्क है और वनस्पतियों में खारे पानी की झाड़ियाँ, काँटेदार नाशपाती कैक्टस और पैलो सेंटो पेड़ों के शामिल है। 1940 के दशक मे वैज्ञानिकों ने एक प्रयोग तौर पर 70 बाल्ट्रा स्थलीय गोहों को पड़ोसी उत्तर सेयमोर द्वीप पर ले जाने का फैसला किया था। इस कदम के अप्रत्याशित परिणाम निकले और द्वितीय विश्व के दौरान बाल्ट्रा पर हुये सेना के कब्जे के बाद द्वीप के मूल गोह विलुप्त हो गये। 1980 के दशक के दौरान चलाई गयी एक प्रजनन और पुनर्निवेशन परियोजना के अंतर्गत उत्तर सेयमोर से गोहों को चार्ल्स डार्विन अनुसंधान केन्द्र लाया गया और 1990 के दशक में स्थलीय गोहों को पुनः बाल्ट्रा में छोड़ा गया। 1997 में वैज्ञानिकों की गणना के अनुसार द्वीप पर स्थलीय गोहों की कुल संख्या 97 थी, जिनमें से 13 इसी द्वीप पर पैदा हुई थीं।
हवाई अड्डा
- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बना एयरबेस
- हवाई दृश्य
सन 986 तक पूरे गैलापागोस द्वीपसमूह में सिर्फ बाल्ट्रा हवाई अड्डा ही सेवारत था, अब एक दूसरा हवाई अड्डा सैन क्रिस्टोबाल द्वीप पर भी शुरु हो गया है, हालाँकि, गैलापागोस जाने वाले निजी विमानों को अनिवार्य रूप से बाल्ट्रा हवाई अड्डे को प्रयोग करना पड़ता है क्योंकि यहाँ पर रात में भी उड़ान भरने की सुविधा उपलब्ध है। बाल्ट्रा आने के बाद सभी आगंतुकों को तुरंत बस के द्वारा द्वीप की दो गोदियों मे से किसी एक को भेजा जाता है। पहली गोदी एक छोटी सी खाड़ी में स्थित है जहाँ नावें यात्रियों का इंतजार करती हैं। दूसरी गोदी एक नौका गोदी है जो बाल्ट्रा द्वीप को सांताक्रूज़ द्वीप से जोड़ती है। 2007 और 2008 में बाल्ट्रा हवाई अड्डे का अतिरिक्त रेस्तराओं और दुकानों को शामिल करने और एक बेहतर आगंतुक क्षेत्र विकसित करने के उद्देश्य से पुनर्निर्माण किया गया है।