सामग्री पर जाएँ

बाराबती किला

बारबटी किला
ବାରବାଟୀ ଦୁର୍ଗ
https://lh5.googleusercontent.com/p/AF1QipOAoQ5oyyGHgz-sqm526u_fEzpuKjpkHzPFCZts=w453-h240-k-no
बाराबती किले का प्रवेश द्वार
लुआ त्रुटि मॉड्यूल:Location_map में पंक्ति 522 पर: Unable to find the specified location map definition: "Module:Location map/data/Odisha_locator_map.svg" does not exist।
निर्देशांक20°29′4.67″N 85°51′51.93″E / 20.4846306°N 85.8644250°E / 20.4846306; 85.8644250निर्देशांक: 20°29′4.67″N 85°51′51.93″E / 20.4846306°N 85.8644250°E / 20.4846306; 85.8644250
स्थितिकटक
निर्माण आरंभ ९८९ ए.दी.

बारबाटी क़िला ओड़िशा में महानदी के किनारे बना हुआ है और ख़ूबसूरती से तराशे गए दरवाज़ों और नौ मंज़िला महल के लिए प्रसिद्ध है।

स्थापना

बारबाटी क़िले का निर्माण गंग वंश ने 14वीं शताब्दी में करवाया था। ऐसी मान्यता है कि युद्ध के समय नदी के दोनों किनारों पर बने क़िले इस क़िले की रक्षा करते थे। वर्तमान में इस क़िले के साथ एक अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍टैडियम है, जो पांच एकड़ में फैले इस स्‍टैडियम में लगभग 30000 से भी ज्‍यादा लोग बैठ सकते हैं। यहां खेल प्रतियोगिताओं और सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का अयोजन होता रहता है।

इतिहास

बाराबती क़िले को राजा मुकुंद देव ने सन 1560-1568 में निर्माण करवा कर विशाल क़िले का रूप दिया। सन 1568 से 1603 तक यह क़िला अफ़ग़ानियों, मुगलों और मराठा के राजाओं के अधीन था उसके बाद सन 1803 में अंग्रेजों ने इस क़िले कों मराठों से छीन लिया। बाद में वे भुवनेश्वर चले गए और यह क़िला उपेक्षित पड़ा रहा।