बादल (2000 फ़िल्म)
बादल | |
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बादल का पोस्टर | |
निर्देशक | राज कँवर |
लेखक | संतोष सरोज (संवाद) |
पटकथा | सुतानू गुप्ता रोबिन भट्ट |
कहानी | राज कँवर |
निर्माता | सलीम अख्तर |
अभिनेता | बॉबी देओल, रानी मुखर्जी, आशुतोष राना, आशीष विद्यार्थी, अमरीश पुरी |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथियाँ | 11 फरवरी, 2000 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
बादल 2000 में बनी हिन्दी भाषा की एक्शन फ़िल्म है। इसका निर्देशन राज कँवर ने किया है और इसमें बॉबी देओल, रानी मुखर्जी, आशुतोष राना और अमरीश पुरी प्रमुख किरदारों को निभाते हैं।[1]
संक्षेप
बादल (बॉबी देओल) 1984 के दंगों का शिकार रहा है, जिसे एक आतंकवादी (आशीष विद्यार्थी) द्वारा पाला गया। राजा अब भोला-भाला गाँव का बालक नहीं रहा है। वो अब आतंकवादियों में शामिल हो गया है और बैंक लूटने में उनकी मदद करता है। कुछ समय के लिए उसे छिपने के लिए कहा जाता है। एक ईमानदार पुलिस अधिकारी (अमरीश पुरी) और उसका परिवार युवा बादल को शरण देता है जहाँ चुलबुली रानी (रानी मुखर्जी) उसके साथ प्यार में पागल हो जाती है। रंजीत सिंह का परिवार अंततः बादल को एक बेटे के रूप में मान लेता है। सिंह परिवार और रानी के माध्यम से बादल को जीवन का एक नया मोड़ मिलता है और वो भावनाओं, प्रेम और रिश्तों के मूल्यों को समझने लगता है, जो उसे अपने जीवन में कभी नहीं मिले।
इसके बाद भी बादल अपने माता-पिता के हत्यारे के बारे में नहीं भूला है। सिंह परिवार से मित्रता करने के बाद बादल अब पुलिस महानिदेशक राणा (आशुतोष राना) को मारने के एकमात्र उद्देश्य के साथ जी रहा है। राणा पंजाब के गांवों में निर्दोष लोगों के क्रूर उत्पीड़न और हत्याओं के लिए जिम्मेदार है, जिसमें बादल का पूरा परिवार भी शामिल है। बादल का उद्देश्य उस विश्वासघाती पुलिस अधिकारी को मारना रह गया है जिसने उसके माता-पिता और उसकी प्यारी बहन की हत्या कर दी थी। कई घुमाव और मोड़ के बाद वह विश्वासघाती जयसिंह राणा से मिलता है जो अब डीआईजी बन गया है। बादल अंत में अपना बदला जयसिंह को मारके लेता है।
मुख्य कलाकार
- बॉबी देओल — राजा / बादल
- रानी मुखर्जी — रानी
- आशुतोष राना — डीआईजी जयसिंह राणा
- अमरीश पुरी — ए सी पी रंजीत सिंह
- आशीष विद्यार्थी —
- मयूरी कांगो — सोनी
- नीना कुलकर्णी — सिमरन (सोनी की माता)
- सना सईद — प्रीति
- जॉनी लीवर — गुलेर मेंहदी
- उपासना सिंह — गुलेर की पत्नी
- मुशताक ख़ान — पुलिस इंस्पेक्टर
- शहबाज़ ख़ान — अजगर
- कुलभूषण खरबंदा
- आकाश खुराना — सत्यप्रकाश
- हरीश पटेल — दयाशंकर
- विश्वजीत प्रधान — साहब सिंह
- सुमन रंगनाथन — अतिथि भूमिका (गीत)
- मिंक सिंह — गीत में
- दिनेश आनन्द
- मंदिरा बेदी
- सलीम घोष
- रमेश गोयल
संगीत
सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत अनु मलिक द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "ना मिलो हम से ज्यादा" | कविता कृष्णमूर्ति, सोनू निगम | 6:47 |
2. | "यार मेरे यारा मेरे यारम" | उदित नारायण, अनुराधा पौडवाल | 5:40 |
3. | "तुझे देख के दिल मेरा" | उदित नारायण, जसपिंदर नरुला | 5:33 |
4. | "आय हाय जुगनी जुगनी" | सुखविंदर सिंह, जसपिंदर नरुला, अनुराधा पौडवाल | 7:40 |
5. | "अल्लाह अल्लाह मैं हुई जवाँ" | कविता कृष्णमूर्ति, डोमिनिक मैनुअल | 5:30 |
6. | "लाल गरारा" (मरे ये सारे सारे) | जसपिंदर नरुला, सपना अवस्थी, डोमिनिक मैनुअल | 6:50 |
7. | "सभी गीत का मिश्रण" | कविता कृष्णमूर्ति, डोमिनिक मैनुअल | 5:21 |
8. | "ना मिलो हम से ज्यादा" (वाद्य संगीत) | N/A | 6:47 |
सन्दर्भ
- ↑ "फिल्में ही नहीं कमाई के लिए ये काम भी करते हैं बॉबी देओल". अमर उजाला. मूल से 2 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 जनवरी 2019.