बांग्लादेश की मंत्रिसभा
बांग्लादेश की राजनीति और सरकार पर एक श्रेणी का भाग |
बांग्लादेश की मंत्रीमंडल अथवा बांग्लादेश की मंत्रिसभा(बांग्ला: বাংলাদেশের মন্ত্রিসভা, सटीक उच्चारण:बाङ्लादेशेर मोन्त्रीशाॅभा), बांग्लादेश की उच्चतम् शासनिक एवं निर्णयात्मक निकाय हैं। इसे बांग्लादेशी लहजे में, मंत्रिसभा(মন্ত্রিসভা) या कैबिनेट कहते हैं। प्रधानमंत्री व मंत्री परिषद सम्मिलित रूप से देश को प्रशासित एवं सरकारी तंत्र को नियंत्रित करते हैं। प्रधानमंत्री, मंत्रीपरिषद के प्रमुख होते हैं जो सम्मिलित रूप से शासन का परिचालन व सरकार की नीति निर्धारित करती है। इसके अतिरिक्त, सरकार के मंत्री, राष्ट्रीय संसद के समक्ष निर्वाचित सरकार की नीतियों की प्रस्तुती एवं सदन में सरकार की योजना व नीतियों के बचाव के लिए भी जिम्मेदार होती है।
सरकार का गठन एवं मंत्रियों की नियुक्ति
बांग्लादेश की लोकतांत्रिक, गणतांत्रिक व्यवस्था के अंतर्गत्, राष्ट्रपति, बांग्लादेश के राष्ट्राध्यक्ष हैं, जबकि सरकार, प्रधानमंत्री व उनके द्वारा नामांकित मंत्रियों के नियंत्रण में कार्य करती है। प्रधानमंत्री और अन्य मंत्री मिलकर बांग्लादेश की कैबिनेट का गठन करते हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय संसद के सदस्यों में से नामांकित किया जाता है। राष्ट्रीय संसद बांग्लादेश की सर्वोच्च विधाई सदन है। इस 350-सदस्यीय एकसदनीय विधायिका के कुल आसनों में 300 आसन जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित सांसदों के लिए होते हैं एवं अवशिष्ट 50 आसन महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। आरक्षित आसनो के नारी सदस्यगण, पूर्वकथित 300 निर्वाचित सांसदों के मतों द्वारा परोक्ष निर्वाचन पद्धति से निर्वाचित होते हैं। निर्वाचित होती संसद की कार्यअवधि 5 वर्ष है।
संसद के सदस्य प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा आम चुनाव के बाद निर्वाचित होकर आते हैं। प्रत्येक चुनाव के बाद राष्ट्रीय संसद के समस्त आसनों में अधिकतम आसन ग्रहण करने वाली राजनैतिक दल अर्थात बहुमत ग्रहण करने वाली राजनैतिक दल के नेता को पारंपरिक तौर पर प्रधानमंत्री घोषित किया जाता है। तत्पश्चात, प्रधानमंत्री को कार्यकाल की शपथ बांग्लादेश के राष्ट्रपति द्वारा दिलाई जाती है। पद पर विराजमान होने के बाद, प्रधानमंत्री का यह दायित्व है कि वे अपनी सरकार का गठन करें।
सरकार के प्रमुख होने के नाते, मंत्रियों की नियुक्ति प्रधानमंत्री के विवेक पर निर्भर होती है। अर्थात, चुनाव पश्चात प्रधानमंत्री ही सरकार के गठन के लिए जिम्मेदार होते हैं। मंत्रीपरिषद नियुक्ति के नियमों के अनुसार, संपूर्ण मंत्रीमंडल के 90% सदस्यों का सांसद होना अनिवार्य है, जबकी अवशिष्ट 10% सदस्य गैर संसदीय बांग्लादेशी नागरिक हो सकते हैं, जिन्हें आमतौर पर विशेषज्ञ या "टेक्नोक्रेट" कहा जाता है। मंत्रियों को कार्यकाल की शपथ बांग्लादेश के राष्ट्रपति दिलाते हैं।
मंत्री परिषद्
मंत्रालय
सरकार की कार्यकारिणी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं मंत्रालय।[1] किसी मंत्री या राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की अध्यक्षता वाली एक मंत्रालय, संसद में संबंधित मंत्रालय/विभाग के काम के आयोजन के लिए जिम्मेदार है जब तक अन्यथा प्रधानमंत्री द्वारा निर्देशित की जाए। मंत्रालय के सचिव, उस मंत्रालय या विभाग के प्रशासनिक प्रमुख होते हैं, जबकी, अपर सचिव, संयुक्त सचिव, उप सचिव, वरिष्ठ सहायक सचिव और सहायक सचिव द्वारा उन्हें सहायता प्रदान की जाती है। कुछ मंत्रालयों को बहुविभागीय भी समझा जाता है।
पद श्रेणिका
मंत्रीमंडल में, प्रधानमंत्री के अतिरिक्त, कुछ 31 मंत्री, 17 राज्यमंत्री, और 2 उपमंत्री हैं। मंत्रियों की इन चार श्रेणियों को रुतबे के अनुसार, अवरोही क्रम में नीचे दिया गया है:
- कैबिनेट मंत्री(पूर्णांग मंत्री): कैबिनेट के सदस्य; एक मंत्रालय के प्रभारी।
- राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) (प्रतिमंत्री): कनिष्ठ मंत्री; स्वतंत्रतः एक मंत्रालय के प्रभारी, किसी कैबिनेट मंत्री के प्रति जवाबदेह नहीं।
- राज्यमंत्री(प्रतिमंत्री): कनिष्ठ मंत्री, कैबिनेट मंत्री के प्रति जवाबदेह, आमतौर पर किसी मंत्रालय में एक विशेष जिम्मेदारी के काम पर नाहित
- उपमंत्री: सबसे कनिष्ठ मंत्री; कैबिनेट मंत्री या राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के मंत्री के प्रति जवाबदेह।
सरकार के विभिन्न मंत्रालय व प्रभारी
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "বাংলাদেশ (Bangladesh) জাতীয় তথ্য বাতায়ন | গণপ্রজাতন্ত্রী বাংলাদেশ সরকার | People's Republic of". Bangladesh. 2016-07-15. मूल से 14 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-07-20.
- ↑ "www.cabinet.gov.BD". मूल से 24 जून 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 मई 2016.