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बहिष्कार

१९७६, १९८० और १९८४ में ओलम्पिक खेलों का वहिष्कार

बहिष्कार आमतौर पर नैतिक, सामाजिक, राजनीतिक, या पर्यावरणीय कारणों के लिए विरोध की अभिव्यक्ति के रूप में किसी व्यक्ति, संगठन या देश के उपयोग से स्वैच्छिक और जानबूझकर रोकथाम का कार्य है। बहिष्कार का उद्देश्य किसी आपत्तिजनक व्यवहार को कुछ आर्थिक नुकसान कर या नैतिक आक्रोश कर मजबूरन बदलने की कोशिश है। जब एक समान अभ्यास किसी राष्ट्रीय सरकार द्वारा कानूनित किया जाता है, तो उसे प्रतिबन्ध के रूप में जाना जाता है।

उल्लेखनीय बहिष्कार

वैधता

बहिष्कार का व्यवहार की वैधता अलग-अलग है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ