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बन्गानी भाषा

इस भाषा को भारत के उत्तराखंड राज्य में उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक(पट्टी बंगान) में बोला जाता है ।यह बहुत ही अच्छी भाषा है । यह भाषा इस ब्लॉक में बहुत ही पहले से बोली जाती है। सभी बड़े और बच्चें इसे अपने गांव में बोला करते है। यह भाषा बहुत ही लोकप्रिय है । इसी भाषा के नाम से वहां के लोगो को बंगानी भी बोला जाता है । और यहां के रहने वाले लोगों को बंगाण के लोग कहा जाता है। यह भाषा उत्तराखंड में हिमाचल प्रदेश की बॉर्डर की तरफ में जो भी गांव है वहां पर बोली जाती है। इस भाषा को लगभग 10 से 12 गांव में बोला जाता है। इनमे से कोई कोई इस प्रकार से है यह मैंजनी, भूतानु, किरोली, आराकोट, और कलीच और भी बहुत से गांवों में बोला जाता है।

बन्गानी भाषा
बोलने का  स्थानभारत उत्तराखंड उत्तरकाशी मोरी
भाषा परिवार
White
  • बन्गानी भाषा
भाषा कोड
आइएसओ 639-3gbm

बन्गानी भाषा भारत की संकटग्रस्त भाषाओं में से एक है। यह अत्यधिक गंभीर रूप से खतरे में है। आईएसओ कोड: gbm[1]

इस भाषा में कुछ वाक्य इस प्रकार से है।

हिंदी भाषा (बंगाणी भाषा)

  1. कहां जा रहे हो।( केतके लाग: डेई।)
  2. कैसे हो आप।(केशे तूमे।)
  3. क्या कर रहे हो। (का ला करि।)
  4. तुम क्या करते हो।(तुमे का करेन।)
  5. खाना बना लिया। ( खाण चाणी गो।)
  6. नमस्ते भाईयों। (डाल बाइयो)
  7. और (ओजि)
  8. हाथ पैर धो लिए। (हाथ बांगने धोई गौ।)
  9. आग जला दी ।(आग जाड़ी गोई)
  10. आज खाने में क्या है ।(इतरा खाणे दी का।)
  11. हमारे यहां पर सेब की खेती की जाती है। (आमकाई सेब री खेती केरेन।)
  12. कुछ महत्व पूर्ण चीजें जो की काम में उपयोग होती है । (कुछ जरूरी चीज जुंजी कामे दी उपयोग हए।)
  13. किल्टा (गिड्ड)
  14. दरांत।(दात्र।)
  15. दरांती।(दात्री)
  16. हल (हड़)
  17. बैल (बड़ेद)
  18. गाय।( गाई)।
  19. बछड़ा (बासकुडी।)
  20. रुपए। (पैंशा)
  21. इस प्रकार से बैंगनी भाषा को बोला जाता है।


भौगोलिक वर्गीकरण

नामकरण

क्षेत्रविस्तार

बोलियाँ

भाषा साहित्य

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Moseley, Christopher, संपा॰ (2010). Atlas of the World’s Languages in Danger. Memory of Peoples (3rd संस्करण). Paris: UNESCO Publishing. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-92-3-104096-2. मूल से 13 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2015-04-11.