बनारसी बाबू (1997 फ़िल्म)
बनारसी बाबू | |
---|---|
बनारसी बाबू का पोस्टर | |
निर्देशक | डेविड धवन |
पटकथा | रूमी जाफ़री |
निर्माता | नन्दू जी. तोलानी |
अभिनेता | गोविन्दा, रम्या कृष्णा, कादर ख़ान |
संगीतकार | आनंद-मिलिंद |
प्रदर्शन तिथियाँ | 8 मई, 1997 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
बनारसी बाबू 1997 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।[1] यह डेविड धवन द्वारा निर्देशित है तथा उनकी फिल्म निर्माता नन्दू जी. तोलानी के साथ राजा बाबू के बाद दूसरी फिल्म है। इसमें गोविन्दा, रम्या कृष्णा, कादर ख़ान, शक्ति कपूर, आदि हैं।
संक्षेप
गोपी (गोविन्दा) बनारस का एक सीधा-सादा आदमी है। वह मधु (रम्या कृष्णा) नाम की एक प्रवासी से शादी कर लेता है। गोपी परिवार को लेकर समर्पित और वफादार है। जबकि वह एक साहसी तथा खुशमिजाज किस्म की लड़की है। गोपी भारतीय मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है। जबकि मधु को बिकनी पहनकर गांव के तालाब में गोता लगाने में कोई आपत्ति नहीं है। एक दिन उसकी जन्मदिन की पार्टी होती है और वह शराब पीकर नाचने लगती है। गोपी को अपनी पत्नी के इस तरह होने पर शर्म आती है। वह क्रोधित होकर उसे थप्पड़ मार देता है। बाद में उसको अपनी गलती का एहसास होता है लेकिन वह तब तक भाग जाती है। मधु विदेश में रहना चाहती है, जबकि वह अपनी मां के साथ अपने गांव में रहना चाहता है।
मधु गोपी को छोड़कर चली जाती है। गोपी की मां (रीमा लागू) बहू को वापस लाने की कहती है। फिर वह मधु को वापस लाने का फैसला करता है। वह अपनी भागी हुई दुल्हन की तलाश में सिंगापुर और अन्य विदेशी स्थानों पर जाता है। वे कभी-कभी एक-दूसरे से मिलते हैं। वह उससे गर्भवती भी हो जाती है और गोपी उसे डॉक्टर से बच्चा गिराने से रोकता है। वह एक लड़के को जन्म देती है। इस बीच, गोपी अमीर और प्रसिद्ध हो जाता है। वह 15 दिन के अपने बच्चे को लेकर चला जाता है और अपने गांव लौटकर दूसरी शादी करने की धमकी देता है। उसके दोबारा शादी करने की तैयारी हो चुकी होती है। लेकिन मधु फिर से आ जाती है और बच्चे को वापस चाहती है। वह कहता है कि अगर वह अपने 15 दिन के बच्चे के बिना नहीं रह सकती, तो वह उसकी मां को उसके बच्चे से अलग क्यों करना चाहती है? मधु को अपनी गलती का एहसास होता है।
मुख्य कलाकार
- गोविन्दा — गोपी
- रम्या कृष्णा — मधुबाला "मधु" चौबे
- कादर ख़ान — चौबे
- शक्ति कपूर — मनचला
- बिन्दू — लिली चौबे
- आसिफ़ शेख — विक्रम
- रीमा लागू — गोपी की माता
- शगुफ़्ता अली — मनोरमा
- उपासना सिंह — विक्रम की बहन
संगीत
सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत आनंद-मिलिंद द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
---|---|---|---|
1. | "मेरी गोरी गोरी बाहें" | कुमार सानु, अलका यागनिक | 6:00 |
2. | "ससुरी गरम गरम" | विनोद राठौड़, पूर्णिमा | 5:23 |
3. | "पान का एक बीड़ा" | विनोद राठौड़ | 6:12 |
4. | "मधुबाला गज़ब कर डाला" | विनोद राठौड़ | 4:47 |
5. | "सास मेरी बड़ी नखरेवाली" | विनोद राठौड़ | 6:09 |
6. | "सन सनानन" | अभिजीत, पूर्णिमा | 5:50 |
7. | "बनारस का भैया" | विनोद राठौड़ | 5:39 |
सन्दर्भ
- ↑ "'लाइगर' की मां का यह अवतार देख दबा लेंगे दांतों तले उंगलियां, गोविंदा-अनिल कपूर के साथ कर चुकीं रोमांस". Asianet News Network Pvt Ltd. अभिगमन तिथि 22 अगस्त 2024.