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बनारसी बाबू (1973 फ़िल्म)

बनारसी बाबू

बनारसी बाबू का पोस्टर
निर्देशक शंकर मुखर्जी
लेखक के. ए. नारायण
रमेश पंत
निर्माता शंकर मुखर्जी
अभिनेतादेव आनन्द,
राखी,
योगिता बाली
संगीतकारकल्याणजी-आनंदजी
प्रदर्शन तिथियाँ
30 मार्च, 1973
देशभारत
भाषाहिन्दी

बनारसी बाबू 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।[1] इसका निर्देशन-निर्माण शंकर मुखर्जी ने किया है। इसमें देव आनन्द, राखी और योगिता बाली मुख्य भूमिकाओं में हैं।

संक्षेप

अनाथ सोहन लाल (देव आनन्द) बॉम्बे में रहने वाला एक अमीर व्यापारी है। कश्मीर में छुट्टियों के दौरान उसकी मुलाकात खूबसूरत नीला (राखी) से होती है। कुछ गलतफहमियों के बाद दोनों प्यार में पड़ जाते हैं और शादी कर लेते हैं। जब वे बॉम्बे लौटता है तो उसका मैनेजर वी. के. सक्सेना (जीवन) उन्हें व्यवसाय के कुछ काम के लिए लंदन जाने के लिए कहता है। तीन महीने बाद जब वह घर लौटता है तो वह देखता है कि नीला उसे हवाई अड्डे पर लेने नहीं आई है। फिर घर के रास्ते में उस पर हमला किया जाता है और उसका अपहरण कर लिया जाता है।

उसे एक कोठरी में रखा जाता है जहाँ एक महिला गुलाबिया (योगिता बाली) उसे बताती है कि वह उसकी प्रेमिका है। उसकी मदद से वह भागने में सफल हो जाता है। लेकिन वह एक दुर्घटना का शिकार हो जाता है और उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। वहाँ उसकी मुलाकात एक महिला से होती है जो उसे अपना बेटा कहती है। इन घटनाओं के मोड़ से हैरान और हताश होकर वह नीला से जवाब-तलब करने के लिए घर लौटता है। सोहन यह पता लगाने का निर्णय लेता है कि आखिर हो क्या रहा है। उसका जीवन क्यों अस्त-व्यस्त हो गया है।

मुख्य कलाकार

संगीत

सभी गीत राजेन्द्र कृष्ण द्वारा लिखित; सारा संगीत कल्याणजी-आनंदजी द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."हमारा नाम बनारसी बाबू"किशोर कुमार4:33
2."शराब बदनाम हो गई"लता मंगेशकर4:16
3."आप यहाँ से जाने का"किशोर कुमार, आशा भोंसले3:56
4."कोई कोई रात ऐसी होती है"लता मंगेशकर4:21
5."मेरे पीछे एक लड़की"किशोर कुमार4:02
6."कमर मेरी लट्टू"आशा भोंसले4:28

सन्दर्भ

  1. "खइके पान बनारस वाला... अमिताभ बच्चन के लिए कभी लिखा ही नहीं गया था ये गाना, सुपरहिट सॉन्ग का मजेदार किस्सा". न्यूज़ 18. 11 अक्टूबर 2023. अभिगमन तिथि 22 अगस्त 2024.

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