बनवारी लाल
बनवारी लाल (अंग्रेजी: Banwari Lal, जन्म: ग्राम तिलोकपुर जिला शाहजहाँपुर) ब्रिटिश काल के दौरान उत्तर प्रदेश में गठित क्रान्तिकारी संगठन हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन का सक्रिय सदस्य ही नहीं अपितु रायबरेली का जिला संगठनकर्ता भी था। ९ अगस्त १९२५ को काकोरी के समीप हुई ऐतिहासिक डकैती में समूचे हिन्दुस्तान से ४० व्यक्तियों को गिरफ्तार[1] किया गया था। बनवारी लाल की गिरफ्तारी रायबरेली से हुई थी।
काकोरी काण्ड के मुकदमे के दौरान जब उस पर पुलिस ने दबाव डाला तो वह टूट गया और वायदा माफ गवाह (अंगेजी में अप्रूवर) बन गया। बनवारी लाल शाहजहाँपुर सदर तहसील के तिलोकपुर गाँव का रहने वाला था। अप्रूवर बन जाने के बाद भी काकोरी काण्ड में शामिल होने के कारण उसे ५ वर्ष के कारावास में रखा गया। [2] हुई थी। जेल से छूटने के बाद वह अपने बाल-बच्चों के साथ अपने गाँव में रहने लगा।
कुछ समय बाद जब उसे अपने गाँव के ब्राह्मणों से जान का खतरा महसूस हुआ तो उसने वह गाँव छोड़ दिया और पास के ही दूसरे गाँव केशवपुर में रहने लगा जहाँ उसकी कायस्थ बिरादरी के काफी लोग रहते थे। सन् २००० के आसपास उसकी मृत्यु हो गयी। .
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- Freedom fighters from Shahjahanpur शाहजहाँपुर के स्वतन्त्रता सेनानी
- मानचित्र पर तिलोकपुर व केशवपुर की लोकेशन[मृत कड़ियाँ]
सन्दर्भ
- ↑ डॉ॰ एन० सी० मेहरोत्रा व मनीषा टण्डन स्वतन्त्रता आन्दोलन में शाहजहाँपुर जनपद का योगदान पृष्ठ १२४-१२५
- ↑ क्रान्त (2006). स्वाधीनता संग्राम के क्रान्तिकारी साहित्य का इतिहास. 2 (1 संस्करण). नई दिल्ली: प्रवीण प्रकाशन. पृ॰ 549. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-7783-120-8. मूल से 14 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित.