फिर कब मिलोगी
फिर कब मिलोगी | |
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फिर कब मिलोगी का पोस्टर | |
निर्देशक | ऋषिकेश मुखर्जी[1] |
लेखक | राजिंदर सिंह बेदी बिमल दत्ता बिरेन त्रिपाठी डी॰ एन॰ मुखर्जी |
निर्माता | हरी मेहरा |
अभिनेता | विश्वजीत, माला सिन्हा |
संगीतकार | आर॰ डी॰ बर्मन |
प्रदर्शन तिथि | 1974 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
फिर कब मिलोगी 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी ने किया है और इसमें विश्वजीत और माला सिन्हा हैं।
संक्षेप
सपना (माला सिन्हा) अपने कर्मचारी राजेश (विश्वजीत) से पारो के रूप में और फिर शहर में सपना के रूप में मज़े के रूप में मिलती है। राजेश पारो की सादगी पर मोहित हो जाता है। उसका दिल टूट जाता है जब उसे पता चलता है कि सपना और पारो दोनों एक ही हैं। वह अपनी नौकरी छोड़ देता है और एक सुदूर गाँव में चला जाता है। जहाँ उसकी एक बार फिर सपना से मुलाकात होती है।
लेकिन इस बार, स्थानीय ठेकेदार दीवान साहब के रूप में। उसे तेजा (दिलीप कुमार) ने इस भ्रम के कारण बंधक बना लिया है कि वह उसकी बहन है। तेजा ककी बहन को यह एहसास हुआ कि तेजा सपना को मार डालेगा इसलिए उसने उसे जाने दिया। लेकिन सपना वापस अपनी कुटिया तक नहीं पहुँचती है। क्या राजेश कभी उसे बता पाएगा कि वह उससे प्यार करता है; इससे भी महत्वपूर्ण बात यह कि क्या सपना जीवित है?
मुख्य कलाकार
- विश्वजीत — राजेश शर्मा
- माला सिन्हा — सपना सेठ / पारो
- देवेन वर्मा — देवी दास
- विजया चौधरी — नीला
- अभि भट्टाचार्य — इंस्पेक्टर
- कुमारी नाज़ — अम्बा
- सैलाश कुमार — दीवान रणधीर
- शिवराज — गिरधारीलाल
- प्रवीण पॉल — नीला की माता
- दिलीप कुमार — तेजा सिंह (कैमियो)
संगीत
सभी गीत मजरुह सुल्तानपुरी द्वारा लिखित; सारा संगीत आर॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "ले गई ख़ुश्बू" | लता मंगेशकर | 3:27 |
2. | "तुम मुझसे रूठे हो" | लता मंगेशकर | 3:18 |
3. | "राम कसम बुरा नहीं मानूंगी" | लता मंगेशकर | 3:02 |
4. | "खिट पिट खिट करे" | किशोर कुमार | 3:18 |
5. | "कहीं करती होगी वो मेरा इंतज़ार" | मुकेश, लता मंगेशकर | 6:23 |
सन्दर्भ
- ↑ "अभिनेता विश्वजीत ने अपने यूसुफ भाई को कुछ इस तरह किया याद ..." 7 जुलाई 2021. अभिगमन तिथि 29 मार्च 2024.