फिज़ा
फिज़ा | |
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फिज़ा का पोस्टर | |
निर्देशक | खालिद मोहम्मद |
अभिनेता | ऋतिक रोशन, करिश्मा कपूर, जया बच्चन, आशा सचदेव, ईशा कोपिकर |
संगीतकार | अनु मलिक |
वितरक | यूटीवी मोशन पिक्चर्स |
प्रदर्शन तिथियाँ | 8 सितंबर, 2000 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
फिज़ा 2000 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसे खालिद मोहम्मद द्वारा लिखित और निर्देशित की गई है। फिल्म में करिश्मा कपूर, ऋतिक रोशन और जया बच्चन हैं।
संक्षेप
यह फिल्म फिज़ा (करिश्मा कपूर) नाम की लड़की की है, जिसका भाई अमान (ऋतिक रोशन) 1993 के बंबई के दंगे के दौरान गायब हो गया। फिज़ा और उसकी मां निषात्बी (जया बच्चन) उम्मीद करते हैं कि एक दिन वह वापस आएगा। हालांकि गायब होने के छह साल बाद फिज़ा अनिश्चितता की जिंदगी से तंग आ गई है। वह अपने भाई की तलाश में जाने का संकल्प करती है। अपनी मां निशात्बी की उत्साही आशा और अपने दृढ़ संकल्प से प्रेरित, फिज़ा अपने भाई को खोजने के लिए जो कुछ भी कर सकती है करती है। वह कानून, मीडिया, यहां तक कि राजनेताओं का भी उपयोग करने का फैसला करती है।
जब वह उसे मिलता है, तो वह दहशत में आकर देखती है कि वह एक आतंकवादी समूह में शामिल हो गया है। वह उसे घर ल्लने के लिए मजबूर करती है, और अंततः वह अपनी मां के साथ एकजुट हो जाता है। हालांकि उसकी निष्ठा और विचार उसे मुराद खान (मनोज वाजपेयी) के नेतृत्व में आतंकवादी नेटवर्क पर लौटना चाहते हैं। फिज़ा को छेड़ रहे दो पुरुषों के साथ एक टकराव में अमान अपनी बहन, मां और पुलिस के सामने आतंकवादी नेटवर्क के साथ अपनी भागीदारी का खुलासा करता है। उसकी मां दुख और निराशा से अंततः आत्महत्या कर लेती है।
अनिरुद्ध (बिक्रम सालुजा) की मदद से फिज़ा अपने भाई को खोजने की एक बार और कोशिश करती है। अमान को दो शक्तिशाली राजनेताओं को मारने के मिशन पर भेजा गया है। जब वह उन्हें मारने में सफल होता है, तो उसका खुद का आतंकवादी समूह उसे मारने की कोशिश करता है। वह भाग जाता है और फिज़ा उसका पीछा करती है। वे एक दूसरे से सामना करते हैं और पुलिस के नजदीक आते हुए देखने पर वह उसे अपने को मारने के लिए कहता है। उसे एक सम्मानजनक अंत देने के आखिरी उपाय के रूप में, फिज़ा अपने भाई को मार देती है।
मुख्य कलाकार
- ऋतिक रोशन - अमन इकरामुल्लाह
- करिश्मा कपूर - फिज़ा
- जया बच्चन - निशात बी
- नेहा - शहनाज
- आशा सचदेव - उल्फ़त
- ईशा कोपिकर - गीतांजली
- मनोज बाजपेयी - मुराद खान
- सुष्मिता सेन - "महबूब मेरे" गीत में
संगीत
फिज़ा | ||||
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अनु मलिक द्वारा | ||||
जारी | 2000 | |||
संगीत शैली | फिल्म साउंडट्रैक | |||
लंबाई | 48:35 | |||
लेबल | टिप्स | |||
निर्माता | अनु मलिक | |||
अनु मलिक कालक्रम | ||||
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फ़िल्म में आठ गाने हैं जिसमें 6 को अनु मलिक ने संगीत प्रदान किया है। 1 को ए आर रहमान द्वारा संगीत दिया गया है।
# | गीत | गायक | संगीतकार | गीतकार |
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1 | "आजा महििया" | उदित नारायण, अलका याज्ञिक | अनु मलिक | गुलजार |
2 | "महबूब मेरे" | सुनिधि चौहान, करसन सरगाथिया | अनु मलिक | तेजपाल कौर |
3 | "तु फिज़ा है" | अलका याज्ञिक, सोनू निगम, प्रशांत समाधर | अनु मलिक | गुलजार |
4 | "गया गया दिल" | सोनू निगम | अनु मलिक | समीर |
5 | "पिया हाजी अली" | ए आर रहमान, कदर गुलाम मुश्ताफा, मुर्तजा गुलाम मुश्ताफा, श्रीनिवास | ए आर रहमान | शौकत अली |
6 | "ना लेके जाओ" | जसपिंदर नरुला | अनु मलिक | गुलजार |
7 | "मेरे वतन: अमान का रोष" | जुबिन गर्ग | रणजीत बैरोट | समीर |
8 | "आंख मिलाऊँगी" | आशा भोसले | अनु मलिक | समीर |
नामांकन और पुरस्कार
वर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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2001 | अनु मलिक | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार | नामित |
गुलज़ार ("आजा माहिया") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | नामित | |
सोनू निगम ("तू हवा है") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार | नामित | |
सुनिधि चौहान ("महबूब मेरे") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार | नामित | |
ऋतिक रोशन | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार | नामित | |
करिश्मा कपूर | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार | जीत | |
जया बच्चन | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार | जीत |