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फिंगरप्रिंट साक्ष्यो का संग्रहण एवम पैकिंग

अंगुली चिन्ह या फिंगरप्रिंट सम्बन्धी साक्ष्यो के संग्रहण और पैकिंग के समय पे ये ध्यान रखना बहुत जरूरी है की अपराध के अंगुली चिंह नष्ट न हो अथवा उनपे आपके ऊँगली के चिन्ह न बने। किसी भी वस्तु जो फिंगरप्रिंट के चिन्हों का संभावित सोर्स हो उसे खुरदुरे स्थान या फिर किनारों से ऐसी जगह से पकड़ के उठाना चाहिए जहा पे फिंगरप्रिंट की सम्भावना न्यूनतम हो। ऐसी वस्तुओ को रुमाल या दस्ताने का प्रयोग करके भी उठाया जा सकता है। फिंगरप्रिंट साक्ष्यो के संग्रहण के समय पर निम्नलिखित बिन्दुओ पर गौर जरूर करना चाहिए :- 1.अगर साक्ष्य छोटी वस्तुओ, हथियार, औजार या बर्तन आदि पर हो तो उस पूर्ण वस्तु को ही पैक करके अन्गुलिचिंह प्रयोगशाला में भेजना चाहिए तथा भेजने और संग्रहण से पूर्व उसकी यथावत फोटोग्राफी अवश्य करवाए। वस्तुओ को उनके आकार के लकड़ी या गत्ते के डिब्बे में रख कर भेजना चाहिए। टूटने वाली वस्तु जैसे कांच आदि को रुई की सुरक्षा अवश्य देनी चाहिए। 2.अचल एवम बड़ी वस्तु जैसे दीवार, खिड़की, फ्रिज आदि को पैक करके भेजने की जगह पर उनके ऊपर स्थित फिंगरर्प्रिन्ट्स को विकसित करने पर प्रयोगशाला मे भेजा जाता है तथा विकसित करने से पूर्व और बाद मे फोटोग्राफी अवश्य करवानी चाहिए। 3.केवल अदृशय (latent) अंगुली चिन्हों को ही विकसित किया जाता है . प्लास्टिक प्रिंट्स की कास्ट तैयार की जाती है 4. किसी भी साक्ष्य को पैक करते समय उसकी प्राप्ति के स्थान , दिन,संगढ़कर्ता का ब्यौरा अपराध का क्रमांक आदि के विवरण व् संगढ़कर्ता के हस्ताक्षर के साथ पैक किया जाना चाहिए. 5.विकसित करने के बाद उठाये गए साक्ष्यो को कांच के पात्र या टेप को कांच की शीट पर चिपका कर पैक किया जा सकता है . 6. पैक करने के बाद सभी साक्ष्यो को सील करना भी बेहद आवश्यक है .


सन्दर्भ