फातमागुल
| फातमागुल | |
|---|---|
| शैली | ड्रामा रोमांस | 
| लेखक | एजे योरेंच मलेक गंजोलू | 
| निर्देशक | हिलाल सरल | 
| मूल देश | तुर्की | 
| मूल भाषा(एँ) | तुर्की भाषा हिन्दी (डबिंग) | 
| सीजन की सं. | 02 | 
| एपिसोड की सं. | 80(170 भारत में) | 
| उत्पादन | |
| उत्पादन स्थान | इज़मीर इस्तांबुल | 
| कैमरा स्थापन | बहु कैमरा | 
| प्रसारण अवधि | लगभग 90 मिनट( 45 मिनट भारत में) | 
| उत्पादन कंपनी | एय यापिम | 
| मूल प्रसारण | |
| नेटवर्क | कनल डी | 
| प्रसारण | 16 सितंबर 2010 – 21 जून 2012 [1] | 
क्या क़ुसूर है फातमागुल का? (तुर्की :Fatmagül'ün Suçu ne?), तुर्की की एक अति लोकप्रिय टेलीविज़न शृंखला थी जिसका प्रसारण 16 सितंबर 2010 से 21 जून 2012 के बीच हुआ था। इस शृंखला में दिखाया गया है की कैसे एक बलात्कार पीड़िता विपरीत परिस्तिथियों से लड़कर एक शक्तिशाली लड़की में बदल जाती है और और उसकी नफरत कैसे प्यार में बदल जाती है। कार्यक्रम की लोकप्रियता को देखते हुए इस कार्यक्रम का प्रसारण भारत समेत 24 देशों में उनकी मातृभाषा में किया जा चुका है तथा प्राय हर देश में इसे अपार सफलता प्राप्त हुई है। भारत में इसे ज़िंदगी (टीवी चैनल) पर प्रसारित किया गया था।
कथानक
यह कहानी फातमागुल नाम की एक लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है जो कि तुर्की के एक गांव में अपने भाई रहमी और अपनी भाभी मुकद्दस के साथ रहती है। फातमागुल की सगाई आसपास के एक मछुआरे मुस्तफा के साथ हो जाती है और जल्दी ही उसकी शादी होने वाली होती है लेकिन, एक रात उसके साथ 3 अमीर लड़के नशे की हालत मे बलात्कार करते हैं। उन लडकों के साथ एक लड़का जिसका नाम केरिम भी था। केरिम उसके साथ बलात्कार तो नहीं करता पर उसे यह भी पता नहीं चलता कि उसके सामने क्या हो रहा है क्योंकि वह नशे में होता हैं। इस धारावाहिक में तब अचानक ऐसा मोड़ आता है जब केरिम की शादी फातिमा गुल से हो जाती है और वह उसे इंसाफ दिलाने की हर संभव कोशिश करता है।
पात्र
बेरेन सात, एंगिन आक्युरेक, कान टशनेर, फिरत चलिक, बुग़रा गुलसोय तथा सेदा गुवेन द्वारा मुख्य भूमिकाएं निभाई गई हैं।
मौसम
| मौसम | प्रकरणों की संख्या | प्रकरण | मौसम की शुरुवात | मौसम का अंत | प्रसारण | टेलीविज़न मौसम | चैनल | 
|---|---|---|---|---|---|---|---|
| मौसम 1 | 39 | 1-39 | 16 सितंबर 2010 | 16 जून 2011 | 20:00 | 2010-2011 | कनाल डी | 
| मौसम 2 | 41 | 40-80 (अंतिम) | 8 सितंबर 2011 | 21 जून 2012 | 20:00 | 2011-2012 | कनाल डी | 
प्रसारण
भारत, पाकिस्तान, फ्रांस, ग्रीस, रोमानिया, युक्रेन, मिस्र, इंडोनेशिया, ईरान, अफग़ानिस्तान आदि देशों में फातमागुल को स्थानीय भाषाओं में डब करके दिखाया जा चुका है|
सफलता
पाकिस्तान की दूसरी सबसे लोकप्रिय तुर्की श्रृंखला थी, जो कि 2013 में शीर्ष पर चल रहे ज़िंदगी गुलज़ार है, कंकड़ और औन-जा़रा जैसे पाकिस्तानी शो से ऊपर थी। पाकिस्तानी शहरी और ग्रामीण बाजार में 2.5 करोड़ से ऊपर दर्शकों की संख्या के साथ सीरीज की औसत रेटिंग 6.4 दर्ज हुई थी। इश्क़ ए ममनू, फरीहा, और मेरा सुल्तान भी पाकिस्तान में अति लोकप्रिय तुर्की धारावाहिक हैं।
भारत में फातमागुल, फेरिहा के बाद दूसरा तुर्की धारावाहिक था, जिसे भारतीय दर्शकों ने काफी पसंद किया और सराहना की। इसी सफलता को देखते हुए इसका भारतीय रूपांतरण बनाया जा रहा है।
रूपांतरण
सन्दर्भ
- ↑ "After the success of feriha...Zindagi brings yet another turkish delight". Tellychakkar. मूल से 1 नवंबर 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मार्च 2017.