फ़ीचर फ़िल्म
फ़िल्म उद्योग में कथाचित्र या फ़ीचर फ़िल्म उस फिल्म को कहते हैं जिन्हें सिनेमाघरों में वितरित कर व्यापार करने के उद्देश्य से बनाया जाता है।
द एकेडमी ऑफ़ मोशन पिक्चर आर्ट्स, द अमेरिकन फ़िल्म इंस्टीट्यूट और द ब्रिटिश फ़िल्म इंस्टीट्यूट सभी ने 40 मिनट से अधिक देर तक चलने वाली फ़िल्म को फ़ीचर फ़िल्म के नाम से परिभाषित किया है। फ़्रांस में द सेंटर डि ला सिनेमेटोग्राफ़ी के अनुसार 35 मि.मि. की फ़िल्म जो 1,600 से ज़्यादा लंबी हो, जो 58 मिनट 29 सेंकेंड की साउंड फ़िल्म पर सही बैठें और स्क्रीन ऐक्टर गिल्ड जिन्हें 80 मिनट जिन्हें 80 मिनट जिनके चलने का समय कम से कम 80 मिनट दे ऐसी फ़िल्में फ़ीचर फ़िल्म हैं।
सामान्य रूप से एक भारतीय फिल्म 90 से 120 मिनट की होती है। बच्चों की फ़िल्में 60 से 120 मिनट की हो सकती हैं।
इन्हें भी देखें
- रूपक (या, फीचर)