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प्वासों अनुपात

किसी वस्तु पर अक्षीय दिशा में बल लगाने से अक्षीय दिशा में लम्बाई में परिवर्तन तो होता ही है, बल के लम्बवत दिशा (पार्श्व दिशा) में भी परिवर्तन होता है।

किसी वस्तु की पार्श्व विकृति (transverse strain) तथा प्रत्यक्ष विकृति (अक्षीय विकृति) के अनुपात के ऋणात्मक मान को प्वासों अनुपात (Poisson's ratio) कहते हैं। यह नाम साइमन प्वासों (Siméon Poisson) के नाम पर रखा गया है।

परिचय

यदि किसी ठोस छड़ को खींचा जाए, तो हम देखते हैं कि वह बीच में से पतली पड़कर टूट जाती है और यदि प्रत्यास्थता की सीमा के भीतर बल लगाकर खींचा जाए तो उसकी लंबाई बढ़ने के साथ ही सब जगहों से उसकी पार्श्विक नाप छोटी हो जाती है। इसी प्रकार यदि किसी छड़ को दबाया जाए, तो उसकी पार्श्विक नाप बढ़ जाती है। अत: खिंचाव अथवा दबाव के कारण किसी प्रत्यक्ष ठोस की पार्श्विक नापों (lateral dimensions) में जो परिवर्तन होता है, वह प्वासॉन् के अनुपात के अनुसार होता है। इसे M अक्षर (या म्यू अक्षर) से व्यक्त करते हैं।

प्रत्यक्ष विकृति (लंबाई में) = M * पार्श्विक विकृति

कुछ पदार्थों के प्वासों के अनुपात

पदार्थप्वासों अनुपात
रबर~ 0.50
स्वर्ण0.42 - 0.44
संतृप्त मृदा 0.40–0.50
मैग्नीशियम0.35
टाइटैनियम0.34
ताम्र0.33
अल्युमिनियम-मिश्रातु0.33
मिट्टी0.30–0.45
स्टेनलेस स्टील0.30–0.31
इस्पात0.27–0.30
cast iron0.21–0.26
sand0.20–0.45
कंक्रीट0.20
काच0.18–0.3
फोम0.10–0.40
cork~ 0.00
MaterialPlane of symmetry
Nomex honeycomb core, =ribbon direction 0.49 0.69 0.01 2.75 3.88 0.01
glass fiber-epoxy resin0.29 0.29 0.32 0.06 0.06 0.32

सन्दर्भ

परिवर्तन के सूत्र
होमोजिनस आइसोट्रॉपिक रैखिक प्रत्यास्थ पदार्थ के कोई भी दो मापांक दिये हों तो अन्य गुण निम्नलिखित सूत्रों द्वारा प्राप्त किये जा सकते हैं।