प्राक्केन्द्रकी जीव
प्राक्केन्द्रकी जीव ऐसे जीवों को कहा जाता है जिनकी कोशिकाओं में झिल्लियों में बंद केन्द्रक नहीं होता। इनके विपरीत सुकेन्द्रिक कोशिकाओं में एक झिल्ली से घिरा हुआ केन्द्रक होता है जिसके अन्दर आनुवंशिक सामान होता है। अधिकतर अकेन्द्रिक जीव एककोशिकीय होते हैं यद्यपि कुछ के जीवनक्रम में कभी-कभी एक बहुकोशिकीय अन्तराल भी आता है।[1]
शब्दोत्पत्ति
यूनानी भाषा में 'प्रो' (πρό, pro) का मतलब '(किसी चीज़ से) पहले' और 'केरी' (καρυ, kary) का मतलब 'बीज' या (बादाम या अख़रोट की) 'गरी' होता है। यानि प्रोकेरियोट कोशिकाएँ केन्द्रक के बनने से पहले की (अधिक रूढ़ी) कोशिकाएँ हैं।[2] इसी तरह हिन्दी में 'प्राक्केन्द्रकी' = प्राक् + केन्द्रकी = वे कोशिकाएँ जो सुकेन्द्रकी कोशिकाओं के पहले बनीं थीं।
इन्हें भी देखें
- सुकेंद्रिक (युकेरियोट)
- केन्द्रक
- कोशिका
सन्दर्भ
- ↑ Kaiser D (2003). "Coupling cell movement to multicellular development in myxobacteria". Nat. Rev. Microbiol. 1 (1): 45–54. PMID 15040179. डीओआइ:10.1038/nrmicro733. नामालूम प्राचल
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की उपेक्षा की गयी (मदद) - ↑ Campbell, N. "Biology:Concepts & Connections". Pearson Education. San Francisco: 2003.