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प्रशिया

प्रशिया
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1525–1947
ध्वज (1892–1918)राज्य - चिह्न (1866–1918)
राष्ट्रिय ध्येय
Gott mit uns  (हाई जर्मन)
"भगवान हमारे साथ रहें"
प्रशिया का मानचित्र में स्थान
प्रशिया (नीले में) अपने चरम पर।
राजधानीकोनिग्सबर्ग (1525–1701)
बर्लिन (1701–1947)
भाषाएँजर्मन (आधिकारिक)
धार्मिक समूहबहुसंख्य:
प्रोटेस्टैंट (लूथरवाद और रिफॉर्म्ड; 1817 से प्रशियन संयुक्त)
शासनराजतन्त्र (1918 तक), गणतंत्र
प्रशिया के ड्यूक1
 -  1525–1568 अल्बर्ट प्रथम (पहले)
 - 1688–1701 फ्रेडरिक तीसरे (अन्तिम)
राजा1
 - 1701–1713फ्रेडरिक प्रथम (पहले)
 - 1888–1918 विल्हेम द्वितीय (अन्तिम)
प्रधानमंत्री1, 2
 - 1918 फ़्रेडरिक एबर्ट (पहले)
 - 1933–1945 हरमन गोरिंग (अन्तिम)
ऐतिहासिक युगप्रारंभिक आधुनिक यूरोप से समकालीन
 - प्रशिया की डची10 अप्रैल 1525
 - ब्रेंडेनबर्ग के साथ संघ27 अगस्त 1618
 - प्रशिया का राज्य18 जनवरी 1701
 - स्वतंत्र राज्य प्रशिया9 नवम्बर 1918
 - पतन (वास्तविक, स्वतंत्रता का उन्मुलन) 30 जनवरी 1934
 - समाप्ति (de jure) 25 फरवरी 1947
क्षेत्रफल
 - 1907 3,48,702 किमी ² (1,34,635 वर्ग मील)
 - 1939 2,97,007 किमी ² (1,14,675 वर्ग मील)
जनसंख्या
 -  1816 est. 1,03,49,0003 
 -  1871 est. 2,46,89,000 
 -  1939 est. 4,19,15,040 
     


घनत्व

141.1 /किमी ²  (365.5 /वर्ग मील)
मुद्रारिचस्थालेर
जर्मन सोने का निशान (1873–1914)
जर्मन पेपरमार्क (1914–1923)
रीच्समार्क (1924 से)
आज इन देशों का हिस्सा है:जर्मनी
पोलैंड
रूस
लिथुआनिया
डेनमार्क
बेल्जियम
चेक गणतंत्र
स्विट्ज़रलैण्ड
1 The heads of state listed here are the first and last to hold each title over time. For more information, see individual Prussian state articles (links in above History section).
2 The position of Ministerpräsident was introduced in 1792 when Prussia was a Kingdom; the prime ministers shown here are the heads of the Prussian republic.
3 जनसंख्या अनुमान:[1]
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अपने चरम पर प्रशा

प्रशिया, प्रुशिया या प्रशा, (अंग्रेज़ी: Preußen), उत्तरी यूरोप का एक जर्मन ऐतिहासिक राज्य था। प्रशिया, अपनी राजधानी कोइनिजबर्ग और 1701 से बर्लिन के साथ, जर्मनी के इतिहास को निर्णायक रूप से आकार दिया है। 18वीं और 19वीं शताब्दियों में यह राज्य अपने चरम पर था।

क्षेत्र

पतन से पहले, प्रशिया राज्य में पश्चिम प्रशिया; पूर्वी प्रशिया; ब्रैंडेनबर्ग; सैक्सोनी (वर्तमान में सैक्सोनी-एन्हाल्ट और जर्मनी के थुरुंगिया राज्य के कुछ भागों में); पोमेरेनिया; राइनलैन्ड; वेस्टफेलिया; सिलेसिया (बिना ऑस्ट्रियाई सिलेसिया के); लुसतीआ; श्लेसविग-होल्सटीन; हनोवर में; हेस्से-नासाउ; और दक्षिण का एक छोटा सा होनज़ोलर्न नामक क्षेत्र, प्रशिया शासक परिवार का पैतृक घर, आदि शामिल थे। ट्यूटनिक नाइट्स द्वारा शासित यह भूमि समतल और उपजाऊ मिट्टी से भरपूर था। यह जमीन गेहूं के बड़े पैमाने पर कृषि के लिए पूरी तरह उपयुक्त थी।[2] ट्यूटनिक प्रशिया को "पश्चिमी यूरोप की रोटी की टोकरी" के रूप में जाना जाता था। गेहूं उत्पादन और व्यापार के कारण प्रशिया का हंसियाटिक लीग के साथ घनिष्ठ संबंध इसके पतन तक बना रहा।

इतिहास

प्रशा की ऐतिहासिक उन्नति एवं अवनति की कहानी होऍत्सालर्न (Hohenzollern) परिवार से संबंधित है। इसी परिवार का एक सदस्य फ्रेडरिक सन् १४१५ ई. में ब्रेंडनबर्ग का मार्ग्रेव (Margrave) बना और दो बरस बाद उसे एलैक्टर ऑव ब्रैंडनबर्ग (Elector of Brandenburg) की उपाधि से विभूषित किया गया। सन् १५२५ में ब्रैंडनवर्ग के ऐल्बर्ट ने अपने आपको प्रशा का आनुवांशिक ड्यूक घोषित किया। १६१८ में प्रशा पर ब्रैंडनबर्ग के एलेक्टर का अधिकार हो गया। सन् १७०१ ई. में फ्रेडरिक प्रथम (Frederick I) प्रशा राज्य का सर्वप्रथम राजा हुआ। सन् १८६१ ई. में विलियम प्रथम के राजगद्दी पर आते ही इस राज्य की उन्नति होने लगी और १८७१ में प्रशा का राजा जर्मन सम्राट बन गया। प्रशा का विस्तारवादी नीति के फलस्वरूप ही प्रथम विश्वयुद्ध का सूत्रपात हुआ। इस विश्वमहायुद्ध में जर्मनी की पराजय हुई तथा इसकी एक लंबा बहुत बड़ा भाग पोलैंड के हाथ लगा जिससे प्रशा पूर्वी और पश्चिमी दो भागों में विभक्त हो गया। इस भूभाग का नाम पोलिश कॉरीडोर (Polish Corridor) रखा गया। द्वितीय विश्वयुद्ध की महाग्नि ने प्रशा को तहस नहस कर दिया और अंतत: राज्य के लिये हानिकारक सिद्ध हुआ। इसमें रूस ने पूर्वी प्रशा तथा स्टेटिन (Stattin) नगर को अपने अधिकार में ले लिया। सन् १९४७ ई. में एलाइड कंट्रोल काउंसिल (Allied Control Council) ने प्रशा का अस्तित्व ही समाप्त कर दिया। उसके बाद इसका अधिकांश भाग कम्यूनिस्ट पूर्वी जर्मनी, पोलैंड तथा रूस ने ले लिया।

जनसांख्यिकी

१८७१ में, प्रशिया की जनसंख्या २४.६९ मिलियन थी, जो जर्मन साम्राज्य की आबादी का ६०% हिस्सा था।[3] १९१० में, आबादी बढ़कर ४०.१७ मिलियन (सामूहिक आबादी का ६२%) हो गई।[3] १९१४ में, प्रशिया का क्षेत्रफल ३,५४,४९० किमी² था। मई १९३९ में प्रशिया का क्षेत्र २,९७,००७ किमी² था और ४१,९१५,०४० निवासियों की आबादी थी। न्यूज़ेनबर्ग की रियासत, अब स्विट्ज़रलैण्ड का नूचटेल प्रांत, १७०७ से १८४८ तक प्रशिया साम्राज्य का हिस्सा था।

प्रशिया का डची आधिकारिक तौर पर १५२५ में लूथरवाद को अपनाने का पहला राज्य था। धर्मसुधार के बाद, प्रशिया में दो प्रमुख प्रोटेस्टेंट बयानों का प्रभुत्व रहा: लूथरवाद और कैल्विनवाद। पूरे साम्राज्य में लूथर और धर्म सुधारित चर्चो को १८१७ में प्रशिया यूनियन द्वारा विलय कर दिया गया, और यह शाही नियंत्रण के तहत आ गया।[4] १८१४ के बाद, प्रशिया के पश्चिम और पूर्व क्षेत्र में लाखों रोमन कैथोलिक थे। प्रशिया में अपेक्षाकृत बड़ा यहूदी समुदाय था, जो कि ज्यादातर बड़े शहरी इलाकों में केंद्रित था। १८८० की जनगणना के अनुसार, जर्मनी में इनकी आबादी लगभग ३,६३,७९० थी।

१९२५ में प्रशियाई आबादी का ६४.९% प्रोटेस्टैंट, ३१.३% रोमन कैथोलिक, १.१% यहूदी और २.७% अन्य धार्मिक श्रेणियों में रखे गये थे।[5]

सन्दर्भ

  1. "tacitus.nu". मूल से 26 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 मार्च 2018.
  2. H. W. Koch, A History of Prussia (1978) p. 35.
  3. Büsch, Otto; Ilja Mieck; Wolfgang Neugebauer (1992). Otto Büsch (संपा॰). Handbuch der preussischen Geschichte (जर्मन में). 2. Berlin: de Gruyter. पृ॰ 42. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-3-11-008322-4.
  4. Christopher Clark, "Confessional policy and the limits of state action: Frederick William III and the Prussian Church Union 1817–40." Historical Journal 39.#4 (1996) pp: 985–1004. in JSTOR
  5. Grundriss der Statistik. II. Gesellschaftsstatistik by Wilhelm Winkler, p. 36

ग्रंथ सूची