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प्रयोगशाला सुरक्षा

कई प्रयोगशालाओं में महत्त्वपूर्ण संकट होते हैं, और प्रायोगिक दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु बहुत सावधानी और निरन्तर सतर्कता की आवश्यकता होती है। [1] [2] जोखिम कारकों के उदाहरणों में उच्च विभवान्तर, उच्च और निम्न दाब तथा तापमान, संक्षारक और विषाक्त रसायन और रासायनिक वाष्प, विकिरण, अग्नि, विस्फोट, और जैवसंकट शामिल हैं जिनमें संक्रामक जीव और उनके विषाक्त पदार्थ शामिल हैं।

प्रयोगशाला में दुर्घटनाओं से सुरक्षा के उपायों में सुरक्षा प्रशिक्षण और सुरक्षा नीतियों का प्रवर्तन, प्रयोगात्मक डिजाइनों की सुरक्षा समीक्षा, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण का उपयोग शामिल है।

अनुमत एवं निषिद्ध व्यवहार हेतु मार्गदर्शन

निम्नलिखित व्यवहार प्रयोगशाला तकनीक में दक्षता प्राप्त करने का दिशानिर्देश देने हेतु हैं जिससे प्रयोगशाला एक सुखद कार्यस्थल हो।

  • प्रयोगशाला में कार्य करते समय सुरक्षा चश्मा कोट और जूते पहनें।
  • किसी भी अभिकर्मक बोतल में रखे पदार्थ का उपयोग करने से पूर्व उस पर लगे नाम पत्र को ध्यानपूर्वक पढ़ कर जाँच लें।
  • क्रियाविधियों और सावधानियों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और उनका अनुसरण करें।
  • कार्यस्थल पर अभिकर्मक की बोतल छोड़ देना खराब आचरण है; कार्य समाप्त होते ही तुरन्त बोतल पर ठीक से ढक्कन लगाएँ और पर यथास्थान रखें।
  • यदि आपके कार्यस्थल पर अभिकर्मक की कोई बोतल खाली हो तो प्रयोगशाला परिचारक से इसे भरने हेतु कहे।
  • यदि आपको दीवार को शेल्फ से किसी अभिकर्मक की आवश्यकता हो तो परखनली अथवा बीकर को वहाँ ले जाए। बोतल को अपने कार्यस्थल पर ले कर न आएँ।
  • अप्रयुक्त रसायनों को भण्डारण बोतल में वापस कभी न डालें। यदि आपसे पदार्थ को सही बोतल में वापिस डालने में कोई गलती हो गई तो दूसरे प्रयोगकर्ताओं का प्रयोग बिगड़ सकता है।
  • जब तक प्रयोग में आवश्यक न हो, रसायनों को न मिलाएँ। इस नियम का पालन न करने से भयंकर दुर्घटना हो सकती है।
  • भण्डारित विलयनों और अभिकर्मक बोतलें से अधिकर्मक निकालने हेतु केवल अच्छी तरह साफ करे गए ड्रॉपर, लेपनी या पिपेट इत्यादि का ही प्रयोग करें।
  • बोतल के डाट को मेज पर न रखें। इस पर अशुद्धियों चिपक सकती हैं और बोतल की सामग्री दूषित हो सकती है। जब कभी आपको किसी बोतल से अभिकर्मक लेना हो तो बोतल को एक हाथ से उठाएँ और डाट को दूसरे हाथ से निकाल या लगाएँ तथा साफ चमक टाइल पर रखें। सूखे ठोस अभिकर्मकों को निकालने के लिए लेपनी का प्रयोग करें और इन्हें घड़ी काच पर रखें, कभी भी निस्यन्दन पत्र का उपयोग न करें। अभिकर्मकों को कभी भी अपनी हथेली पर न रखे और न अंगुलियों से छुएँ।
  • माचिस तीली, लिटमस पेपर, टूटा काच का उपकरण, फिल्टर पेपर या अन्य कोई अघुलनशील पदार्थ सिंक में अथवा फर्श पर कभी न फेकें। कूड़ेदान का उपयोग करें। केवल अपशिष्ट तरल ही नल से बहते पानी के साथ सिंक में फेंकने चाहिए जिससे कोई गन्ध न आए और कुछ भी सिंक में न चिपके तथा तरल पदार्थ पानी के साथ वह जाएं।
  • गरम उपकरणों को सीधे कार्य करने की मेज पर नहीं रखना चाहिए क्योंकि इससे मेज खराब हो सकती है। इन्हें चमक टाइल अथवा जाली पर रखें।
  • मोटे काचपात्रों जैसे अंशांकित सिलिण्डर, बोतलें, मापक फ्लास्क इत्यादि को सीधे ज्वाला पर गरम न करें क्योंकि यह टूट जाते हैं। इसके अतिरिक्त गरम करने से विकृत हो जाता है तथा नापने के उपकरण पर लगे अंशाकन प्रामाणिक नहीं रह जाते। यदि परखनली की उसमें भरे हुए द्रव की सतह से ऊपर गरम करा जाए तो यह टूट सकती है। क्रूसिबल तप्त लाल होने तक गरम की जा सकती हैं।
  • द्रव से भरी परखनली का मुँह अपनी या अपने पड़ोसी की ओर करके गरम न करें क्योंकि सामग्री के छिटककर निकलने से आपको या आपके पड़ोसी को क्षति पहुँच सकता है।
  • कार्य समाप्त होते ही सभी उपकरण साफ करके यथास्थान रख दें। काच के साफ होने का संकेत यह हैं कि धोने के बाद इसे धरने से पानी बह जाता है और विन्द्वें सतह पर चिपकी नहीं रहतीं। यदि विन्द्वें काच की सतह पर चिपकी रह जाएँ तो इसका अर्थ है कि उपकरण चिकना है। उस स्थिति में इसे 5% सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन अथवा साबुन से धोना चाहिए और फिर अच्छी तरह पानी से धो लेना चाहिए। यदि यह अब भी गन्दा हो या कोई दाग लगा रह गया हो तो साफ करने हेतु गरम सान्द्र नाइट्रिक अम्ल का उपयोग करना चाहिए। यदि धब्बा फिर भी साफ न हुआ हो तो ख्रोमोगन्धकाम्ल का उपयोग किया जा सकता है। यह अत्यधिक संक्षारक द्रव होता है और इसके त्वचा अथवा वस्त्र के सम्पर्क में आने से सुरक्षा हेतु प्रत्येक सावधानी लेनी चाहिए।
  • धूम धानी का उपयोग ऐसे प्रयोग करने हेतु करना चाहिए जिनमें विषैले तथा जलन उत्पन्न करने वाले धूम्र निकलते हों।
  • प्रयोगशाला में कार्य करते हुए कपाट और खिड़कियाँ खुली रखें और रेचक पंखा चला दें जिससे विषैले धूम तेजी से खिंच कर बाहर निकल जाएं तथा शुद्ध वायु के संचार में सहायता मिले।

सन्दर्भ

  1. Otto, Thomas (2021). Safety for Particle Accelerators. Particle Acceleration and Detection (अंग्रेज़ी में). Cham: Springer International Publishing. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-3-030-57030-9. डीओआइ:10.1007/978-3-030-57031-6.
  2. Cossairt, J. Donald; Quinn, Matthew (2019). Accelerator Radiation Physics for Personnel and Environmental Protection (अंग्रेज़ी में) (1 संस्करण). Boca Raton, FL : CRC Press, Taylor & Francis Group, [2019]: CRC Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-429-49163-4. डीओआइ:10.1201/9780429491634.सीएस1 रखरखाव: स्थान (link)