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प्रतिचुम्बकत्व

चुम्बकत्व की दृष्टि से विभिन्न प्रकार के पदार्थों के B-H वक्र ; लौहचुम्बकीय पदार्थ (μf), अनुचुम्बकीय पदार्थ (μp), प्रतिचुम्बकीय पदार्थ (μd), तथा निर्वात (μ0)
निओडिमिअम के चुम्बक के ऊपर रखा ताप-अपघट्य कार्बन, चुम्बक के ऊपर तैरता रहता है। स्थायी चुम्बकों को इस प्रकार व्यवस्थित किया गया है कि उनसे उत्पना चुम्बकीय क्षेत्र उर्ध्वाधर (vertical) है तथा दो चुम्बकों के बीच ऊपर-नीचे दिशा में है।

प्रतिचुम्बकीय पदार्थ वे हैं जिनमें बाहर से आरोपित चुम्बकीय क्षेत्र के उल्टी दिशा में चुम्बकीय क्षेत्र प्रेरित होता है। ये पदार्थ वाह्य चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा प्रतिकर्षित (रिपेल) किये जाते हैं। अर्थात इनका व्यवहार अनुचुम्बकीय पदार्थों के चुम्बकीय व्यवहार के उल्टा होता है। प्रतिचुम्बकत्व एक क्वाण्टम यांत्रिक प्रभाव है और सभी पदार्थ यह गुण प्रदर्शित करते हैं।जब अन्य चुम्बकीय प्रभाव नगण्य हों तो ऐसे पदार्थों को प्रतिचुम्बकीय कह दिया जाता है। यह भी कह सकते हैं कि प्रतिचुम्बकीय पदार्थों की पारगम्यता (परमिएबिलिटी) μ0 से कम होती है।

उदहारण : जस्ता, बिस्मथ, नमक, जल, ताँबा, चांदी, हाइड्रोजन, हवा, एल्कोहल इत्यादि।

प्रतिचुम्बकत्व का गुण प्रदर्शित करने वाले कुछ उल्लेखनीय पदार्थ और उनकी पारगम्यता का मान नीचे की सारणी में दिए गए हैं-

उल्लेखनीय प्रतिचुम्बकीय पदार्थ[1]
पदार्थχv [× 10−5 (SI ईकाई)]
अतिचालक−105
ताप-अपघटनीय कार्बन (Pyrolytic carbon) −40.9
बिस्मथ−16.6
पारा−2.9
चाँदी−2.6
हीरा−2.1
सीसा−1.8
ग्रेफाइट−1.6
ताँबा−1.0
जल−0.91

सन्दर्भ

  1. Nave, Carl L. "Magnetic Properties of Solids". Hyper Physics. मूल से 22 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-11-09.