प्रणाली विज्ञान
प्रणाली विज्ञान (Methodology) व्यवस्थित रूप से किसी अध्ययन क्षेत्र में प्रयोग होने वाली विधियों के विश्लेषण को कहते हैं। इसमें वैज्ञानिक जानकारी पर नहीं बल्कि उस जानकारी को प्राप्त करने के लिये जिन सिद्धांतों, तकनीकों और प्रणालियों को प्रयोगित किया जाता है उनपर दृष्टि डाली जाती है। उदाहरण के लिये यदी पृथ्वी के वायुमण्डल में आर्गन गैस की मात्रा का अनुमान लगाना हो तो प्रणाली विज्ञान में इस मात्रा और उसके अर्थ पर केन्द्रित होने के स्थान पर इस मात्रा का अनुमान लगाने की विधियों और उपकरणों का अध्ययन करा जाता है।[1] जब कोई नया वैज्ञानिक तथ्य घोषित होता है तो अक्सर उस तथ्य का पता लगाने में प्रयोग होने वाली प्रणालियों की भी परख की जाती है और यदी वे अपार्याप्त हों तो तथाकथित तथ्य को अमान्य भी समझा जा सकता है।[2]