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प्रकाशिक यंत्र

सन् १८५८ में इंग्लैण्ड में उपलब्ध कुछ प्रकाशिक यन्त्र

प्रकाशिक यंत्र (optical instrument) किसी प्रकाश तरंगों का प्रसंस्करण करते हैं ताकि किसी छवि की गुणवत्ता बढ़ायी जा सके या प्रकाश तरंगों (फोटॉन) का विश्लेषण करते हैं ताकि उस तरंग के बहुत से वैशिष्ट्यों में से किसी एक का मान निकाला जा सके।[1]

छवि सुधारक यन्त्र

विश्लेषक यन्त्र


सन्दर्भ

  1. "अध्याय 9 - किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र" (PDF). ncert.nic.in. अभिगमन तिथि 23 मई 2005.