पूर्वी स्लाव लोग
पूर्वी स्लाव (East Slavs) उन स्लाव लोगों को कहा जाता है जो पूर्वी स्लावी भाषाएँ बोलते हैं। यह शुरू में कीवियाई रूस (Kievan Rus') नामक मध्यकालीन राज्य के निवासी हुआ करते थे लेकिन १७वीं सदी तक रूसी, यूक्रेनी और बेलारूसी उपजातियों में बंट चुके थे।[1]
इतिहास
पूर्वी स्लावों के बारे में ८५९ ईसवी से पहले के काल में ज़्यादा जानकारी नहीं है। इसकी वजह यह है कि उनके क्षेत्र यूरोप के बाक़ी इलाक़ों से दूर थे और उनकी भाषा का कोई लिखित रूप नहीं था। ८६३ में सिरिलिक लिपि विशेष रूप से स्लावी भाषाओँ को लिखने के लिए ईजाद की गई। माना जाता है कि ६०० ईसवी तक स्लावी लोग पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी शाखाओं में विभाजित हो चुके थे। ११वीं और १२वीं सदी में लिखे गए मुख्य वृत्तान्त (Повѣсть времяньныхъ лѣтъ, Primary Chronicle) में १२ स्लावी क़बीलियाई परिसंघों की सूची है जिन्होनें बाल्टिक सागर और कृष्ण सागर के बीच के क्षेत्र में रहना शुरू कर दिया था। यह स्लाव कहाँ से आये इसके बारे में इतिहासकारों में आपसी मतभेद चलता रहा है। हालांकि पहली सदी से लेकर नवी सदी तक पोंटिक-कैस्पियाई स्तेपी से सरमती, हूण, आवार, बुलगार और मग्यार जैसी बहुत सी जातियाँ निकली और स्लाव कई के साथ संपर्क में आये होंगे, लेकिन कोई भी स्लावियों के इलाक़ों में नहीं बसीं। ८वीं सदी तक स्लावी पूर्वी यूरोपी मैदानों की प्रमुख जाति बन चुके थे।
पूर्वी स्लाव पूर्वी यूरोपी मैदान के अनंत वनों में आ बसे। वे किसी स्थान में आकर वहाँ के जंगल जलाकर खुली ज़मीन में खेती करते थे। लेकिन ऐसे जलाकर साफ़ की गई धरती पर कुछ ही साल अच्छी फ़सल उगती है इसलिए ज़मीन के थकते ही वे आगे वन के किसी अन्य क्षेत्र में फैल जाते थे। इस तरह पूर्वी स्लाव जल्दी ही पूरे पूर्वी यूरोप में विस्तृत हो गए।[2]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "Encyclopædia Britannica On-line". मूल से 24 जून 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 मई 2012.
- ↑ Richard Pipes. (1995). Russia Under the Old Regime. New York: Penguin Books. pp. 27-28