जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तब वह अपनी आने वाली पीढियों के लिए पितर कहलाता हैं, चाहे वो बच्चा हो या वृद्ध।
अपने पितर की आत्मा की शांति हेतु दान, पुण्य आदि करते है, जिसे पितरों का श्राद्ध कहते हैं।
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