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पाशाई भाषा

पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान की एक पाशाई भाषीय लड़की
पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान का एक पाशाई भाषीय लड़का
अफ़ग़ानिस्तान के ज़िलों का नक्शा - पाशाई भाषा पूर्वोत्तर में गुलाबी रंग वाले केवल चार ज़िलों में बोली जाती है

पाशाई अफ़ग़ानिस्तान के पूर्वी नूरिस्तान, नंगरहार और कुनर राज्यों में बोली जाने वाली एक दार्दी भाषा है। अनुमान है के १९९८ में इसे २१६,८४२ लोग बोलते थे। पाशाई बोलने वालों को पाशाई समुदाय का सदस्य माना जाता है, जिसके अधिकतर लोग धर्म से मुसलमान हैं। २००३ से पहले पाशाई का कोई लिखित रूप नहीं था। बहुत से पाशाई बोलने वाले पश्तो भी बोलते हैं और उनमें साक्षरता का दर २५% है।

उपभाषाएँ

पाशाई की चार उपभाषाएँ बताई जाती हैं - उत्तरपूर्वी, उत्तरपश्चिमी, दक्षिणपूर्वी और दक्षिण-पश्चिमी। इन उपभाषाओं को बोलने वाले एक दुसरे को समझ नहीं सकते, यानि इन्हें यह चारों अलग-अलग भाषाएँ प्रतीत होती हैं।

पाशाई नाम की उत्पत्ति

उन्नीसवी सदी के प्रसिद्ध भाषावैज्ञानिक डॉ॰ ग्रियर्सन का मानना था के पाशाई का नाम प्राचीन भारत के पश्चिमोत्तर प्रदेश में बोले जानी वाली पैशाची भाषा के नाम का ही ज़रा सा बदला हुआ रूप है।[1]

कुछ आम शब्द

पाशाई के कुछ आम शब्द नीचे दिए गए हैं।[2] ध्यान रहे के पाशाई की चरों उपभाषाएँ एक-दुसरे से काफ़ी भिन्न हैं इसलिए यह शब्द भी उनमें से किसी में भिन्न हो सकते हैं।

पाशाई (नस्तालीक़) पाशाई (देवनागरी) हिन्दी अर्थ
پنجییपनजए आदमी / पुरुष
ضعیفज़ाईफ़ औरत (स्त्री)
تاتییतातए पिता (संस्कृत में "तात" शब्द भी होता है)
آیआई माँ (मराठी में भी "आई" कहते हैं)
لایاलाया भाई
سایاसाया बहन
غوڈا / گهوڈاघोड्डा / ग़ोड्डा घोड़ा
گاगा गाय
ماچھमाचह मछली
بکٹاबकुट्टा बड़ा
چونٹاचोंटा छोटा
دارदार लकड़ी
انگارअंगार आग
چالचाल बाल
انچअंच आँख
ناسٹनास्त नाक
کوچकूच पेट

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

  1. Linguistic survey of India: Volume 8, Part 2, G. A. Grierson, "The word Pashai is probably a corruption of the word Pisacha"
  2. Journal of the Asiatic Society of Bengal, Volume 33 Archived 2011-09-17 at the वेबैक मशीन, एशियेटिक सोसाएटी ऑफ़ बेन्गाल, पृष्ठ २७२

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