पाप का अंत
पाप का अंत | |
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पाप का अंत का पोस्टर | |
निर्देशक | विजय रेड्डी |
निर्माता | गौतम बोकाड़िया |
अभिनेता | राजेश खन्ना, हेमामालिनी, माधुरी दीक्षित, गोविन्दा, रंजीत, तेज सप्रू |
संगीतकार | बप्पी लाहिड़ी |
प्रदर्शन तिथियाँ | 8 दिसम्बर, 1989 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
पाप का अंत 1989 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।
संक्षेप
वकील ज्योति (हेमामालिनी) और पुलिस उपायुक्त खन्ना (राजेश खन्ना) प्यार में हैं और जल्द ही विवाह करने की उम्मीद करते हैं। इस बीच खन्ना ने दो अपराधियों को तिहरे हत्याकांड के लिये विक्रम और शाकाल को गिरफ्तार कर लिया। वो उन्हें एक अदालत में पेश करता है और अगली कार्यवाही और मुकदमे के लिये उन्हें कैद रखता है। विक्रम एक भ्रष्ट मंत्री प्रजापति का एकमात्र पुत्र होता है, जबकि शाकाल उनका गुंडा होता है। वो शाकाल और विक्रम दोनों अपनी मंत्रिस्तरीय स्थिति का उपयोग करके निकाल लेते हैं। वो खन्ना को मार देते हैं और जिसके बाद वे तुरंत जेल लौट जाते हैं। ज्योति सिर्फ अपने मंगेतर की हत्या को देखने के लिए समय पर आती है। वो उन्हें अदालत के समक्ष रखती है लेकिन उसके गवाह पलट जाते हैं और परिणामस्वरूप अदालत दोनों को बरी कर देती है। ज्योति तब प्रजापति के सच्चे रंग को जनता के सामने लाती है और प्रतिशोध में प्रजापति के आदमियों ने ज्योति का अपहरण कर लिया और उसकी आँखों के सामने उसकी छोटी बहन निशा (माधुरी दीक्षित) से बलात्कार किया। इस घटना से निशा को गहरा आघात लगता है और उसका सामान्य जीवन जीना मुश्किल हो गया। फिर ज्योति कानून को अपने हाथों में लेती है और प्रतिशोध की कसम खाती है।
मुख्य कलाकार
- हेमामालिनी - वकील ज्योति
- राजेश खन्ना - खन्ना
- गोविन्दा -
- माधुरी दीक्षित - निशा
- रंजीत - शाकाल
- तेज सप्रू - इंस्पेक्टर मक्कार
- विकास आनन्द
- असरानी
- दिनेश हिंगू - शर्मा
- अनुपम खेर
- विजू खोटे
- गुड्डी मारुति
- मैक मोहन
- जगदीश राज - पुलिस कमिश्नर
- महावीर शाह - विक्रम
- गुर बच्चन सिंह - इंस्पेक्टर अशोक
संगीत
सभी गीत समीर और अनजान द्वारा लिखित; सारा संगीत बप्पी लाहिड़ी द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "हम तुम डांस करेंगे" | अमित कुमार, अलका याज्ञनिक | 7:52 |
2. | "कोई वादा कोई इकरार ना किया" | लता मंगेशकर, मुहम्मद अज़ीज़ | 7:19 |
3. | "दीवाने दिल के दीवाने" | कविता कृष्णमूर्ति, मुहम्मद अज़ीज़ | 8:40 |
4. | "इश्क तेरे ने तन मन में" | शब्बीर कुमार, कविता कृष्णमूर्ति | 6:28 |
5. | "जिंदगी ने किये" | मुहम्मद अज़ीज़ | 6:16 |