पाँडे वंश
पाँडे वंश/ पाण्डे वंश व पाँडे खलक/पाण्डे खलक नेपाली क्षत्रिय वर्ण का शासक परिवार है। क्षत्रिय पाण्डे नेपाल के दरबार में उच्च काजी घराना के रूप में बस्नेत परिवार से निकट है। इनके क्षत्रिय थापा वंशसे ऐतिहासिक पारिवारिक दुश्मनी है। [1] पाण्डे पाँच काजी परिवारों में से एक है। अन्य चार परिवार बिष्ट, बस्नेत, कुँवर और थापा है। [2]
इस परिवारको सत्तामें पहले काजी गणेश पांडेने लाया। काजी गणेश पाँडे राजा द्रव्य शाहके काजी अर्थात् प्रधानमन्त्री थे। पिछले अग्रज काजी कालु पांडे थे। वंशीधर कालु पांडे नेपालके दरबारके प्रख्यात भारदार एवम् सेनाध्यक्ष थे। [3] उनके पुत्र वंशराज पांडे भी सेना जनरल रहे और छोटे पुत्र दामोदर पांडे नेपालके प्रथम प्रधानमन्त्री रहे।
दामोदरके बेटे रणजंग पांडे भी नेपालके प्रधानमन्त्री थे।
पाँडे दरबार
लाजिम्पाट दरबार, वा अग्नि भवन काठमाडौंमें स्थित एक पाँडे दरबार था जिसको नेपालके राणा वंशने काबु किया। ये दरबार काजी वीरकेशर पाँडेके निज निवास था। बादमें वीर शम्शेर और अग्नि शम्शेरने कब्जे में लिया।
जैसे थापाथली थापा वंशके ईलाका था वैसे लाजिम्पाट पाँडे वंशके था। कोत पर्वपश्चात राणावंशी शासकके मामा काजी कर्णेल त्रिविक्रम सिंह थापाने इस दरबार कब्जा किया र २८ वर्ष सन् १८७५ तक बसोबास किया। [4]
होटल शंकर
होटल शंकर आजके दिनमें पहिले लाजिम्पाट दरबार कहाजाता था।
स्रोत
- ↑ "पाँच काजी परिवार". मूल से 12 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 मार्च 2017.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 13 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 मई 2017.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 1 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 मई 2017.
- ↑ JBR, PurushottamShamsher (2007). Ranakalin Pramukh Atihasik Darbarharu [Chief Historical Palaces of the Rana Era] (नेपाली में). Vidarthi Pustak Bhandar. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-9994611027. मूल से 10 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2015.
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