पहचान (1970 फ़िल्म)
पहचान | |
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पहचान का पोस्टर | |
निर्देशक | सोहनलाल कंवर |
निर्माता | सोहनलाल कंवर |
अभिनेता | मनोज कुमार, बबीता, बलराज साहनी, चाँद उस्मानी |
संगीतकार | शंकर-जयकिशन |
प्रदर्शन तिथि | 1970 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
पहचान 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह सोहनलाल कंवर द्वारा निर्मित और निर्देशित है और इसकी कहानी सचिन भौमिक की है। फिल्म में मनोज कुमार, बबीता और बलराज साहनी हैं। संगीत शंकर-जयकिशन का है।
संक्षेप
बम्बई की रहने वाली बरखा (बबीता) अपनी विधवा माँ और भाई राकेश के साथ अमीरी में रहती है। राकेश की शादी माया नाम की एक अमीर महिला से होनी है। बरखा की मुलाकात विष्णुपुर के एक भोले आदमी, गंगाराम (मनोज कुमार) से होती है। वह शादी करने के लिए बम्बई आया है। उसका विवाह दुरिया चौधरी की बेटी के साथ होना तय हुआ था। लेकिन चौधरी ने अपनी बेटी की शादी कहीं और करने का फैसला किया, क्योंकि उन्हें पता चला कि गंगाराम अंग्रेज़ी नहीं जानता है, बेरोजगार है और उसके भविष्य की कोई संभावना नहीं है। बरखा और गंगाराम एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं, इतना कि वह उसे उसकी बहन, चंपा (चाँद उस्मानी), और एक पूर्व-अग्निशामक से मिलवाता है, जिसके साथ वे रहते हैं।
बरखा और गंगाराम तब और भी करीब आते हैं जब उसे पता चलता है कि उनके घर में आग लगने पर पूर्व अग्निशामक ने वास्तव में उसकी जान बचाई थी। जब बरखा के भाई और माँ को पता चलता है कि वह गंगाराम से शादी करना चाहती है तो वे क्रोधित हो जाते हैं। लेकिन जब बरखा उन्हें मना लेती है, तो राकेश शादी की चर्चा के लिए गंगाराम के घर जाता है। वह शादी या किसी भी चीज़ के बारे में चर्चा नहीं करता है, लेकिन गुस्से में घर लौटता है और अपनी माँ और बहन को बताता है कि गंगाराम स्थानीय वेश्यालय की एक नर्तकी के साथ रह रहा है। ये वही है जिसे गंगाराम ने बरखा को अपनी बहन के रूप में पेश किया था। परेशान होकर बरखा गंगाराम से भिड़ जाती है और उससे चंपा को घर से निकालने की कहती है। जब वह ऐसा करने से इनकार करता है, तो वह उसे और चंपा के बीच में से चुनने के लिए कहती है।
मुख्य कलाकार
- मनोज कुमार ― गंगाराम 'गंगा' रामकिशन
- बबीता ― बरखा
- बलराज साहनी
- चाँद उस्मानी ― चंपा
- टुन टुन ― गंगा की संभावित दुल्हन
- ब्रह्म भारद्वाज ― माया के पिता
- लता बोस ― माया
- सी एस दुबे ― सुन्दर
- डेज़ी ईरानी ― रानी
- कुलजीत ― राकेश
- सुलोचना लाटकर ― बरखा की माँ
- केशव राणा ― राकेश का नौकर
संगीत
सभी शंकर-जयकिशन द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "सबसे बड़ा नादान" | वर्मा मलिक | मुकेश | 3:58 |
2. | "पैसे की पहचान यहाँ" | नीरज | मोहम्मद रफ़ी | 3:55 |
3. | "बस यही अपराध मैं" | नीरज | मुकेश | 5:02 |
4. | "कर ले दिल की बात" | वर्मा मलिक | मुकेश, लता मंगेशकर | 5:50 |
5. | "वो परी कहाँ से लाऊँ" | वर्मा मलिक | सुमन कल्याणपुर, शारदा, मुकेश | 7:00 |
6. | "आया ना हमको प्यार" | इन्दीवर | मुकेश, सुमन कल्याणपुर | 5:23 |
7. | "लो आई है जवानी" | हसरत जयपुरी | आशा भोंसले | 5:20 |
नामांकन और पुरस्कार
प्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | पुरस्कार वितरण समारोह | श्रेणी | परिणाम |
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सोहनलाल कंवर | फिल्मफेयर पुरस्कार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार | नामित |
सोहनलाल कंवर | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार | नामित | |
चाँद उस्मानी | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार | जीत | |
सचिन भौमिक | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ कथा पुरस्कार | नामित | |
शंकर जयकिशन | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक पुरस्कार | जीत | |
वर्मा मलिक ("सबसे बड़ा नादान") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | जीत | |
नीरज ("बस यही अपराध मैं") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | नामित | |
मुकेश ("सबसे बड़ा नादान") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार | जीत | |
मुकेश ("बस यही अपराध मैं") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार | नामित |