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पश्तो भाषा

पश्तो
پښتو

पश्तो का नाम जो पश्तो लिपि में लिखा गया है
उच्चारणउच्चारण: [ˈpəʂt̪oː], [ˈpəçt̪oː], [ˈpʊxt̪oː]
बोलने का  स्थानअफ़गानिस्तान, पाकिस्तान
तिथि / काल 2009
समुदायपश्तून लोग
मातृभाषी वक्ता 4–6 करोड़
भाषा परिवार
Standard forms
युसुफ़ज़ई (उत्तरी)
कंधारी (दक्षिण)
उपभाषा17 बोलियाँ
लिपिअरबी लिपी
राजभाषा मान्यता
औपचारिक मान्यता अफ़ग़ानिस्तान[1]
मान्य अल्पसंख्यक भाषा पाकिस्तान[3]
नियंत्रक संस्थाअफगानिस्तान की विज्ञान अकादमी
पश्तो अकादमी (पाकिस्तान)[2]
भाषा कोड
आइएसओ 639-1ps
आइएसओ 639-2pus
आइएसओ 639-3pusMacrolanguage
individual codes:
pst – मध्य पश्तो
pbu – उत्तरी पश्तो
pbt – दक्षिणी पश्तो
wne – [[ वेनेसी]]
भाषावेधशाला58-ABD-a

पश्तो (پښتو‎), जिसे पख़्तो या अफ़्ग़ानी भी कहा जाता है, अफ़्ग़ानिस्तान और पाकिस्तान में रहने वाले पठान समुदाय की मुख्य भाषा है। यह केन्द्रीय और दक्षिणी अफ़्ग़ानिस्तान और उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के वासी हैं। भौगोलिक दृष्टि से यह आमू दरिया से दक्षिण और सिन्धु नदी से पश्चिम के क्षेत्रों में रहते हैं। पश्तो हिन्द-ईरानी भाषा-परिवार की ईरानी उपशाखा की सदस्य है और ईरानी भाषाओँ में इसे एक पूर्वी ईरानी भाषा माना जाता है।[4] अनुमान किया जाता है कि विश्व-भर में क़रीब ५-६ करोड़ लोग पश्तो अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं।[5] अफ़्ग़ानिस्तान के संविधान ने दरी (फ़ारसी) के साथ-साथ पश्तो को भी एक राजभाषा होने का दर्जा दिया है।[1]

लिखाई

पश्तो भी उर्दू और सिन्धी कि तरह अरबी-फ़ारसी लिपि का प्रयोग करती है, लेकिन उसमें कुछ बदलाव लाए गए हैं ताकि 'ट' जैसी प्रचलित ध्वनियाँ (जो भारतीय उपमहाद्वीप में तो पाई जाती हैं लेकिन ईरान में नहीं) लिखी जा सकें। ध्यान रहे कि उर्दू के लिए भी ऐसे बदलाव किये गए हैं, लेकिन उर्दू में अलग तरह से परिवर्तिकरण हुआ जिस से पश्तो और उर्दू लिपियों में कुछ अंतर है।

पश्तो अक्षरابپتټثجځچڅحخدډړژږسشښصض
नागरी अक्षरद्ज़त्सख़ज़ड़ज़झ़झ़/य, गख़, ष, त्सज़
अ॰ध॰व॰ɑ, əbpʈsd͡ʒd͡zt͡ʃt͡shxɖzrɻzʒʐ, ʝ, ɡsʃx, ʂ, çsz
पश्तो अक्षरطظعغفقك, کګلمنڼوهۀيىۍئ
नागरी अक्षरज़ग़फ़क़व, ऊ, ओ, औह, अ, आय, ईय, आइअइअइ
अ॰ध॰व॰zɑ, ə, ʔɣfqkglmnɳw, u, oh, a, əəj, ij, aiəiəi
१. कृपया 'ख़' के उच्चारण पर ध्यान दें - यह 'ख' से भिन्न है
२. कृपया 'झ़' के उच्चारण पर ध्यान दें - यह 'झ' और 'ज़' दोनों से भिन्न है
३. यह पंजाबी से मिलता-जुलता है जिसकी कुछ उपभाषाओँ में झ़ और की आपसी सहस्वानिकी होती है
४. कृपया 'ग़' के उच्चारण पर ध्यान दें - यह 'ग' से भिन्न है
५. कृपया 'क़' के उच्चारण पर ध्यान दें - यह 'क' से थोड़ी भिन्न है

उपभाषाएँ

पश्तो की दो मुख्य उपभाषाएँ हैं: उत्तरी और दक्षिणी। उत्तरी पश्तो बोलने वाले अपनी भाषा को "पख़्तो" बोलते हैं (इसमें 'ख़' के उच्चारण पर ध्यान दें) और दक्षिणी पश्तो बोलने वाले अपनी भाषा को 'पश्तो' बोलते हैं। इसके मुख्य विभाजन के अलावा भी अलग-अलग स्थानों पर शब्दों को अलग लहजों में बोला जाता है। अलग-अलग स्थानों की उपभाषाओं में कुछ चुने हुए शब्द इस प्रकार हैं:

कंधारक्वेटाहरनाईबन्नूवानाख़ोस्ततिराहग़ज़नीकाबुलपिशावरहिंदी अनुवाद
पष्तोपश्तोपष्तोपाश्तेपाश्तेपाख़्तेपाख़्तोपख़्तोपख़्तोपुख़्तोपश्तो
वरवरवरताम्बाताम्बा, वारदाड़ा, वारताम्बा, वारवरवरवरद्वार (दरवाज़ा)
प्षाप्शाष्पा, यदइप्शाप्शाप्ख़ाप्ख़ाप्ख़ाप्ख़ाख़्पापाऊँ
ल्मारल्मारमेरम्येरा स्तर्गायोरमा, म्येरा स्तर्गाम्येरा स्तर्गाम्येर, म्येरा स्तर्गान्मारन्मारन्वारसूरज
हालकहालकचोरावेड़कावेड़कइवेड़कइवोड़कइहालकहालकहालकलड़का (छोरा)
ञिलइञिलइचुवारावेड़्क्येजल्कियेजल्कियेवोड़्क्ये, जल्कियेञिलइजिल्कइजिनेलड़की
य​ओय​ओयोयेयोयेयोय​ओय​ओय​ओएक
त्सलोरत्सलोरचलोरसालेरत्सालवेरत्सालेरत्सालवोरत्सलोरत्सलोरसलोरचार
पिन्द्ज़अपिन्द्ज़अपिन्झ़अ, पिन्द्ज़अपिन्ज़अपिन्ज़अपिन्द्ज़अपिन्ज़अपिन्द्ज़अपिन्ज़अपिन्ज़अपाँच
श्पाझ़श्पाझ़श्पोझ़श्पेझ़श्पेझ़श्पेझ़श्पेझ़श्पग़श्पगश्पगछह
त्सोकत्सोकचोकसेकत्सेकत्सेकत्सोकत्सोकत्सोकसोककौन
मुझ़मुझ़मुषमिझ़मिझ़मिगमुझ़ोमुग़मुंगमुंगहम
ज़्माज़्माज़्माएमोएमोएमोएमोज़्माज़माज़मामेरा
स्तास्तास्ताएतोएतोएतोएतोस्तास्तास्तातुम्हारा
डेर, ज़्यातडेर, ज़्यातत्साटपिरा, ज़्योतपिरा, ज़्योतडेर, ज़्योतडेर, ज़्योतडेर, ज़्यातडेर, ज़्यातडेर, ज़्यातबहुत, ज़्यादा, ढेर सारा
लझ़लझ़लझ़लश्कीलश्कीलगलगलग़लगलगकम, छोटा (संस्कृत: लघु)
च्षलचशलयवतलचशलचशलत्सख़लत्सख़लत्सख़लत्स्कल, चिख़लस्कलपीना
होहोहोएयएयएयएयहोहोअओहाँ
यमयमयमयमयमयमयममैं हूँ
जमजमझ़म, द्रुममद्रिमा, सद्रिमा, चद्रिमा, चचम, द्रुममजमज़मज़मजाता हूँ
झ़बाझ़बाज़्बाझ़बाझ़बाझ़बाझ़बाझ़बाझ़बाझ़बाजिह्वा, ज़बान, भाषा
कोरकोरकोरकेरकेरकेरकोलाकोरकोरकोरघर
बेगाबेगाबेगावेगावेगावेगावेगाबेगाबेगाबेगाशाम (संस्कृत: वैकाल)
स्तास्तास्ताश्ताश्ताश्ताश्तास्ताश्ताश्ताहै
यिझ़यिझ़यिर्ज़यिझ़यिझ़यिगयिगयिग़यिगयिगभालू
प्लारप्लारप्यारप्लोरप्लोरप्लोरप्लोरप्लारप्लारप्लारपिता
क़न्दाहारक़्वेट्टाहरनइबन्नूवानाख़ोस्ततिराहग़ज़नीकाबुलपेशावरहिंदी अनुवाद

जैसा कि देखा जा सकता है पश्तो के बहुत से शब्द संस्कृत या हिंदी से मिलते-जुलते हैं। इस वजह से बहुत से भाषावैज्ञानिकों को पहले भ्रम हो गया कि शायद पश्तो भी एक हिन्द-आर्य भाषा है, लेकिन व्याकरण जाँचने से पता लगा कि यह एक ईरानी भाषा है जिसपर हिन्द-आर्य भाषाओँ का गहरा प्रभाव पड़ा है। वैसे भी ईरानी भाषाओँ और हिन्द-आर्य भाषाओँ में बहुत से सजातीय शब्द हैं जो रूप और अर्थ में मिलते हैं।

पश्तो और हिन्दी की समानताएँ

पश्तो भाषा और हिन्दी में काफ़ी समानताएँ पाई जाती है। आधुनिक हिन्दी और उर्दू पर भी पश्तो का प्रभाव है। दोनों हिन्दी और पश्तो में "ण" पाया जाता है हालांकि उर्दू में ये मौजूद नही है।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

  1. Constitution of Afghanistan - Chapter 1 The State, Article 16 (Languages) and Article 20 (Anthem) Archived 2017-09-08 at the वेबैक मशीन
  2. Sebeok, Thomas Albert (1976). Current Trends in Linguistics: Index. Walter de Gruyter. पृ॰ 705.
  3. "Population by Mother Tongue". Population Census Organization, Government of Pakistan. मूल से 12 सितंबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 दिसम्बर 2011.
  4. Nicholas Sims-Williams, Eastern Iranian languages Archived 2011-07-19 at the वेबैक मशीन, in Encyclopaedia Iranica, Online Edition, 2010. "The Modern Eastern Iranian languages are even more numerous and varied. Most of them are classified as North-Eastern: Ossetic; Yaghnobi (which derives from a dialect closely related to Sogdian); the Shughni group (Shughni, Roshani, Khufi, Bartangi, Roshorvi, Sarikoli), with which Yaz-1ghulami (Sokolova 1967) and the now extinct Wanji (J. Payne in Schmitt, p. 420) are closely linked; Ishkashmi, Sanglichi, and Zebaki; Wakhi; Munji and Yidgha; and Pashto."
  5. Paul M. Lewis, संपा॰ (2009). "Pashto, Northern". SIL International. Dallas, Texas: Ethnologue: Languages of the World, Sixteenth edition. मूल से 13 फ़रवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 सितंबर 2011. Ethnic population: 49,529,000 possibly total Pashto in all countries.