परेश रावल
परेश रावल | |
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पद बहाल मई 2014 – मई 2019 | |
पूर्वा धिकारी | हरिन पाठक |
उत्तरा धिकारी | राम सोनी |
चुनाव-क्षेत्र | पूर्वी अहमदाबाद |
जन्म | 30 मई 1955 मुम्बई, भारत[1] |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
जीवन संगी | स्वरूप सम्पत |
बच्चे | 2 |
शैक्षिक सम्बद्धता | नरसी मोनजी कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स |
व्यवसाय | अभिनेता, निर्माता, राजनीतिज्ञ |
धर्म | हिन्दू |
पुरस्कार/सम्मान | पद्म श्री |
परेश रावल (जन्म: 30 मई, 1955) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। 2014 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। यह 1994 में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार सहायक किरदार के लिए से सम्मानित हुए। इसके बाद इन्हें सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता का फ़िल्मफेयर पुरस्कार भी मिल चुका है। यह केतन मेहता की फ़िल्म सरदार में स्वतंत्रता सेनानी वल्लभभाई पटेल की मुख्य किरदार में नजर आए थे। [2]
व्यक्तिगत जीवन
परेश रावल का जन्म मुम्बई में हुआ था। अभिनेत्री और 1979 में मिस इंडिया बनी स्वरूप सम्पत के साथ इनका विवाह हो गया। इयानके दो बच्चे आदित्य और अनिरुद्ध हैं।[1]
अभिनय
परेश रावल ने अभिनय की शुरूआत 1984 में की थी। तब यह होली नामक फ़िल्म में एक सहायक किरदार निभाया था। इसके बाद 1986 में नाम नामक फ़िल्म से उनके अभिनय का गुण लोगों को पता चला। इसके बाद वह 1980 से 1990 के मध्य 100 से अधिक फ़िल्मों में खलनायक की भूमिका में नजर आए। इसमें कब्जा, किंग अंकल, राम लखन, दौड़, बाज़ी और कई फ़िल्मों में कार्य किया।
यह एक हास्य फ़िल्म अंदाज़ अपना अपना में पहली बार दो किरदार में नजर आए। इसके बाद वर्ष 2000 में एक हिन्दी फ़िल्म "हेरा फेरी" में अपने अभिनय और किरदार के कारण वह इसके बाद कई फ़िल्मों में मुख्य किरदार भी निभा चूकें हैं। हेरा फेरी फ़िल्म में राजू (अक्षय कुमार) और श्याम (सुनील शेट्टी) उसके घर किराए पर रहते हैं। जबकि परेश रावल(बाबूराव गणपत् राव आप्टे)उसमें घर में मालिक का किरदार निभाते हैं। इस किरदार को हेरा फेरी के सफलता का श्रेय दिया गया है। इसमें उनके कार्य के लिए वह फ़िल्मफेयर पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ हास्यकार) भी जीत चुके हैं। उनका बाबुराव का किरदार उसके दूसरे भाग फिर हेरा फेरी (2006) में भी देखने को मिला, यह फ़िल्म भी सफल रही। रावल को सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ कॉमेडियन और लीड रोल के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार, सहायक भूमिका मिली है। परेश रावल सबसे लोकप्रिय और वाणिज्यिक सफल फिल्मों में क्षणाशन (1991), मनी (199 3), मनी मनी (1995), गोविंदा गोविंदा (1994), रिक्शावुडू (1995), बावागरु बागुनारा (1998), शंकर दादा एमबीबीएस (2004), और टीन मार (2011) इत्यादि। 2012 में आयी फिल्म ओह माई गॉड में काँजीलाल मेहता के रूप में उनका किरदार आज भी विस्मरणीय है फिल्म जगत में ये एक ऐसे चेहरे में गिने जाते है जिनका अभिनय चाहे किसी भी किरदार में हो जान डाल देती है फिल्म में। वर्ष 2018 में राजकुमार हिरानी की फिल्म संजू (संजय दत्त की बायोपिक फिल्म) में सुनील दत्त (संजय दत्त के पिता) के रूप में उनका साक्षात् चित्रण किया जिससे उन्होंने फिल्म में काफी प्रसिद्धि मिली ।
राजनीति में योगदान
परेश रावल भारत के अहमदाबाद पूर्व संसदीय क्षेत्र से पूर्व सांसद थे। यह भारतीय जनता पार्टी के राजनेता है। [3]
प्रमुख फिल्में
नामांकन और पुरस्कार
सन्दर्भ
- ↑ अ आ Asira Tarannum, TNN Aug 2, 2011, 03.14pm IST. (2011-08-02). "'Star kids are not good actors' - Times Of India". Articles.timesofindia.indiatimes.com. मूल से 5 जुलाई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2013-08-03.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
- ↑ "पद्म पुरस्कारों की घोषणा". नवभारत टाईम्स. 25 जनवरी 2013. मूल से 2 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 जनवरी 2014.
- ↑ "Paresh Rawal in dinu solanki out". 23 March 2014. मूल से 28 May 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 May 2020.