परिसंघ (प्रशासन)
परिसंघ ऐसी राजनैतिक व्यवस्था को कहा जाता है जिसमें दो या उस से अधिक लगभग पूर्णतः स्वतन्त्र राष्ट्र समझौता कर लें के बाक़ी विश्व के साथ वे एक ही राष्ट्र की तरह सम्बन्ध रखेंगे। संघों की तुलना में परिसंघों के सदस्यों को अधिक स्वतंत्रता होती है। परिसंघों में कभी-कभी केवल नाम मात्र की केन्द्रीय सरकार होती है जिसके पास कोई असली शक्तियां नहीं होती।
अन्य भाषाओँ में
अंग्रेजी में परिसंघ को "कॉनफॅडॅरेशन" (confederation) कहते हैं।
संघों और परिसंघों में अंतर
अलग-अलग विशेषज्ञ संघों और परिसंघों की अलग-अलग परिभाषाएँ देते हैं, लेकिन यह कहा जा सकता है कि इन दोनों में अक्सर कुछ अंतर दिखते हैं -
- परिसंघों के सदस्यों को परिसंघ छोड़ने की खुली स्वतंत्रता होती है, जबकि संघों के सदस्यों को अक्सर यह छूट नहीं होती
- परिसंघों की केन्द्रीय सरकार के कोई भी फ़ैसले को कोई भी सदस्य मानने से इनकार कर सकता है, जबकि संघ की केन्द्रीय सरकार के फ़ैसले अक्सर संघ-सदस्यों पर लाज़िम होते हैं
- परिसंघों के संविधानों में बदलाव के लिए हर संघ-सदस्य की पूरी अनुमति चाहिए होती है और उनमें से कोई भी इसे रोक सकता है, जबकि संघों के राज्यों में अक्सर बहुमत से भी बदलाव लाये जा सकते हैं
परिसंघों के उदाहरण
विश्व में ऐसे परिसंघ बहुत कम हैं जो बहुत अरसे के लिए परिसंघ के रूप में ही रहें। अक्सर इनमें परिवर्तन हो जाता है क्योंकि समय-समय पर इनके सदस्यों में कोई न कोई मतभेद उभर ही आते हैं। इस सूरत में या तो ये टूट जाते हैं, या इनका केंद्र ज़्यादा शक्तिशाली बनकर इन्हें वास्तव में संघ बना देता है, चाहे औपचारिक रूप से वे अपने आप को भले ही परिसंघ कहते रहें।
सर्बिया और मोण्टेनेग्रो
१९९२ में पुराने यूगोस्लाविया के टूट जाने के बाद ४ फ़रवरी २००३ को सर्बिया और मोण्टेनेग्रो नाम का एक परिसंघ बना। इसके दोनों सदस्यों के पैसे अलग थे - मोण्टेनेग्रो में यूरो चलता था जबकि सर्बिया में दीनार चलती थी। इनकी आर्थिक नीतियाँ बिलकुल अलग थीं। इस परिसंघ की सिर्फ़ सेना और विदेश नीति एक थी और एक, बिना किसी शक्ति वाला, राष्ट्रपति था। समय के साथ-साथ दोनों सदस्यों में अंतर बनते गए और २१ मई २००६ में मोण्टेनेग्रो में अलग होने के मुद्दे पर एक चुनाव हुआ। इस चुनाव में मोण्टेनेग्रो के नागरिकों नें अलग होने का फ़ैसला सुना दिया। ३ जून २००६ को मोण्टेनेग्रो नें ऐलान किया की वह परिसंघ से अलग हो रहा है और एक स्वतन्त्र राष्ट्र है। दो दिन बाद, ५ जून २००६ को, सर्बिया नें भी अलग होने का ऐलान कर दिया और परिसंघ ख़त्म हो गया।
स्विट्ज़रलैण्ड
स्विट्ज़रलैण्ड अपने आप को औपचारिक रूप से "स्विस परिसंघ" बुलाता है।[1][2][3] ऐतिहासिक नज़रिए से भी आज से ७०० से भी अधिक साल पहले, १२९१ में, ऐल्प्स पर्वतों में बसे हुए बहुत से गाँव और शहरों नें इकठा होकर एक परिसंघ बनाया तो स्विट्ज़रलैण्ड बना। लेकिन तब से स्विट्ज़रलैण्ड के प्रशासनिक ढाँचे में बहुत बदलाव आया है और आधुनिक युग में यह राष्ट्र वास्तव में एक संघ है। स्विट्ज़रलैण्ड १८४७ में एक गृहयुद्ध के बाद परिसंघ से संघ बना। इस गृहयुद्ध में, कुछ धार्मिक झड़पों के बाद, कैथोलिक-धर्मी क्षेत्रों नें मिलकर अधिक स्वतंत्रता जतलाने की कोशिश की थी जिसे कुचल दिया गया। १८४८ में एक नए संविधान के तहत स्विट्ज़रलैण्ड एक संघ बन गया।[4]
इरक्वॉइ परिसंघ
इरक्वॉइ परिसंघ छह मूल अमेरिकी आदिवासी राष्ट्रों का परिसंघ था। पाँच इरक्वॉइ जाती के आदिवासी गुटों - मोहॉक, ओनीडा, ओनोनडागा, कायूगा, सॅनॅका - नें सोलहवी सदी ईसवी में ही परिसंघ बना लिया था और १७२२ में तुस्कारोरा राष्ट्र भी इसमें शामिल हो गया। परिसंघ के मामलों को चलाने के लिए एक "महान परिषद" (ग्रैंड काउन्सल) नाम के प्रशासन संसथान को आरम्भ किया गया, जो आज तक चल रहा है और उत्तर अमेरिका की सब से पुरानी जीवित सरकारी संसथान है।[5]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "Startseite". admin.ch. 2011-02-13. मूल से 22 फ़रवरी 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2011-02-19.
- ↑ "Federal Chancellery - The Swiss Confederation – a brief guide". Bk.admin.ch. 2010-03-01. मूल से 14 मई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2011-02-19.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 23 जनवरी 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अप्रैल 2011.
- ↑ Haller/Kölz, p. 147
- ↑ Francis Jennings, The ambiguous Iroquois empire: the Covenant Chain confederation of Indian tribes with English colonies from its beginnings to the Lancaster Treaty of 1744, W. W. Norton & Company, 1990, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780393303025, मूल से 11 सितंबर 2011 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 29 अप्रैल 2011,
... Even after total military defeat, the Iroquois Grand Council still meets - the oldest governmental institution still maintaining its original form in eastern North America ...