परिवर्तनशील चाल ड्राइव
परिवर्तनीय चाल ड्राइव (Adjustable speed drive (ASD) or variable-speed drive (VSD)) का आशय ऐसे अवयव से है जो किसी मशीन के घूमने के चाल को आवश्यकतानुसार बदलने एवं किसी एक चाल्पर नियंत्रित करने आदि के काम आता है। मशीनों की चाल के नियंत्रण से उर्जा की बचत होती है एवं इनसे बने उत्पाद की गुणवत्ता बेहतर होती है।
परिवर्तनीय चाल ड्राइव पूर्णतः यांत्रिक हो सकती है, विद्युतचुम्बकीय हो सकती है, हाइड्रालिक हो सकती है, या एलेक्ट्रानिक हो सकती है। आजकल पॉवर एलेक्ट्रानिक परिवर्तनशील चाल ड्राइव बहुतायत से प्रयोग की जा रही है। एसी मोटरों (जैसे प्रेरण मोटर, सिनक्रोनस मोटर आदि) के लिये प्रयुक्त परिवर्तनीय आवृत्ति ड्राइव, परिवर्तनशील चाल ड्राइव का एक रूप है।
उपयोग
चाल बदलते हुए प्रक्रम का नियंत्रण करना
ऊर्जा दक्षता प्राप्त करना
प्रकार
- (१) यांत्रिक परिवर्तनशील चाल ड्राइव
- (२) हाइड्रालिक परिवर्तनशील चाल ड्राइव
- (३) सतत परिवर्ती ट्रान्समिशन (Continuously variable transmission (CVT))
- (४) वैद्युत परिवर्तनशील चाल ड्राइव
- डी सी ड्राइव
- ए सी ड्राइव
- भंवर धारा ड्राइव
इतिहास
- १९वीं शताब्दी के अन्तिम दिनों में डी सी मोटर का विकास - इसके आने से उद्योगों में मशीनों के चाल नियंत्रण में एक क्रांति आ गयी।
- १९२४ में निकोलस टेस्ला द्वारा प्रेरण मोटर का विकास - उस समय इसका आर्मेचर वोल्टेज बदलकर कुछ सीमा तक चाल बदली जाती थी।
- १९६२ में ब्रशरहित डीसी मोटर के बारे में एक पेपर प्रकाशित हुआ। किन्तु १९८० के दशक के अन्त तक यह मोटर चाल नियन्त्रण के क्षेत्र में व्यावहारिक रूप से उपयोगी नहीं हो पाया।
- १९९३ तक ए सी इन्वर्टर के नियंत्रण की 'वेक्टर टेक्नालोजी' का विकास हो गया जिससे इंडक्शन मोटर के टॉर्क और चाल का स्वतंत्र नियंत्रण सम्भव हो गया। इससे नियन्त्रण के मामले में यह विकल्प डी सी मोटर के तुल्य हो गया।
- अब परिवर्ती चाल ड्राइव के क्षेत्र में ब्रशरहित डीसी मोटर तथा प्रेरण मोटर में प्रतिस्पर्धा है।
इन्हें भी देखें
- चर आवृत्ति ड्राइव (VFD)