परागण
परागण एक पौधे के परागकोष से पौधे के वर्तिकाग्र तक पराग का स्थानान्तरण है, जो बाद में निषेचन और बीजों के उत्पादन को सक्षम बनाता है, जो अक्सर किसी वाहक जैसे वायु, जल अथवा पशुओं द्वारा सम्पन्न होता है। परागण अक्सर एक प्रजाति के भीतर होता है। जब प्रजातियों के बीच परागण होता है, तो यह प्रकृति में और पादप प्रजनन कार्य में संकर सन्तान जन्म कर सकता है।
क्रिया-विधि
परागकण द्वारा उत्पादित नर युग्मक अण्डाशय की अण्डकोशिका (मादा युग्मक) से संलयित हो जाता है। जनन कोशिकाओं के इस युग्मन अथवा निषेचन से युग्मनज बनता है जिसमें नए पौधे में विकसित होने की क्षमता होती है।
अतः पराग कणों को पुंकेशर से वर्तिकाग्र तक स्थानान्तरण या परागण की आवश्यकता होती है। यदि परागण उसी पुष्प के वर्तिकाग्र पर होता है तो यह स्वपरागण कहलाता है। परन्तु एक पुष्प के पराग कण दूसरे पुष्प पर स्थानांतरित होते हैं, तो उसे परपरागण कहते हैं। एक पुष्प से दूसरे पुष्प तक परागकणों का यह स्थानान्तरण वायु, जल अथवा प्राणी जैसे वाहक द्वारा संपन्न होता है।
पराग कणों के उपयुक्त, वर्तिकाग्र पर पहुँचने के पश्चात नर युग्मक को अण्डाशय में स्थित मादा युग्मक तक पहुँचना होता है। इसके लिए परागकण से एक नलिका विकसित होती है तथा वर्तिका से होती हुई बीजाण्ड तक पहुँचती है।
निषेचन के पश्चात्, युग्मनज में अनेक विभाजन होते हैं तथा बीजाण्ड में भ्रूण विकसित होता है। बीजाण्ड से एक कठोर आवरण विकसित होता हैं तथा यह बीज में परिवर्तित हो जाता है। अण्डाशय तीव्रता से वृद्धि करता है तथा परिपक्व होकर फल बनाता है।
बाहरी कड़ियाँ
- New "Pollinator Garden Wheel" from the National Academies provides information on pollination and tips on building a pollinator-friendly garden.
- Insect Pollination Of Cultivated Crop Plants by S. E. McGregor USDA 1972 (needs updating but still valuable)
- The Pollination Home page
- Pollination in Hydroponics
- Pollination syndromes images at bioimages.vanderbilt.edu