पंजाब मेल
पंजाब मेल, भारतीय रेल की एक एक्सप्रेस ट्रेन है जो मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (CST) और फिरोज़पुर (पंजाब) के बीच चलती है।
इतिहास
पंजाब मेल की शुरुआत 1 जून 1912 को हुई थी। जब यह रेलगाड़ी शुरु हुई थी तब यह बल्लार्ड पियर से लेकर पेशावर तक जाती थी। यह रेलगाड़ी वेशेष रूप से ब्रिटिश अधिकारियों, सिविल सेवकों और उनके परिवारों को बंबई से दिल्ली और फिर ब्रिटिश भारत के उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत तक ले जाने के लिए चलाई गयी थी। यहां वो जैसे ही पानी के जहाज से उतरते थे रेल पर सवार हो जाते थे। 1914 में इसका शुरुआती स्टेशन बदलकर विक्टोरिया टर्मिनस कर दिया गया। आज़ादी के बाद इसका गंतव्य भारत पाक सीमा पर स्थित फिरोज़पुर स्टेशन कर दिया गया।
पंजाब मेल का सौ साल का सफर
2012 गणतंत्र दिवस परेड में सौ वर्षो का सफर तय करने वाली पंजाब मेल को रेलवे द्वारा प्रदर्शित की गई। पंजाब मेल देश की एकमात्र ट्रेन है जिसने सौ साल पूरे किए हैं। जहां मौजूदा पंजाब मेल को इलेक्ट्रिक इंजन और स्लीपर क्लास बोगियों से चलती है, वहीं पुरानी पंजाब मेल कोयले से चलने वाले इंजन और लकड़ी के कोच के साथ चला करती थी। पंजाब मेल को पहले पंजाब लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। आजादी से पहले अंग्रेजों के जमाने में यह इटारसी,झांसी, ग्वालियर, आगरा, दिल्ली, अमृतसर, लाहौर और पेशावर के बीच 2496 किलोमीटर का सफर तय करती थी। शुरू में इसे केवल गोरे अंग्रेज साहबों के लिए चलाया गया था। लेकिन, 1930 से इसमें आम जनता की खातिर थर्ड क्लास के डिब्बे भी लगाए जाने लगे।
आजादी से दो साल पहले 1945 में पहली मर्तबा पंजाब मेल में वातानुकूलित बोगियों का समावेश हुआ। 1947 में स्वतंत्रता के बाद से यह ट्रेन मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (पूर्व नाम विक्टोरिया टर्मिनस) से पंजाब के फिरोजपुर के बीच चल रही है। आज 24 बोगियों वाली इस ट्रेन में एसी के साथ सामान्य और स्लीपर क्लास की बोगियां भी लगती हैं। अब इसका एक तरफ का सफर 1,930 किलोमीटर का है।