नूरी
नूरी | |
---|---|
निर्देशक | मनमोहन कृष्ण |
निर्माता | यश चोपड़ा |
अभिनेता | फ़ारुख़ शेख़ पूनम ढिल्लों मदन पुरी |
संगीतकार | खय्याम जाँनिसार अख्तर (बोल) नक़्श लायलपुरी (बोल) |
प्रदर्शन तिथियाँ |
|
लम्बाई | 114 मिनट्स |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
कुल कारोबार | 5 करोड़ (भारत)[1] |
नूरी यश चोपड़ा द्वारा निर्मित 1979 की एक भारतीय हिंदी प्रेमकहानी फ़िल्म है, और मनमोहन कृष्ण द्वारा निर्देशित की गई है; निर्देशक के रूप में यह उनकी एकमात्र फिल्म है। फिल्म में फ़ारुख़ शेख़, पूनम ढिल्लों, मदन पुरी और इफ़्तेख़ार मुख्य भूमिका में है । फिल्म का संगीत खय्याम ने और बोल जाँनिसार अख्तर के है।
यह फिल्म "सुपर-हिट" रही थी और 1979 में भारतीय बॉक्स ऑफिस पर सातवीं सबसे अधिक कमाई वाली फिल्म थी। यह चीन में भी एक विदेशी सफल फिल्म के रूप में रही थी, जहां इसे 1981 में प्रदर्शित किया गया था,[2] और उस समय चीन में सबसे सफल भारतीय फिल्मों आवारा और कारवां में से एक बन गई। [3]
पटकथा
नूरी (पूनम ढिल्लों) भदरवाह घाटी में उसके पिता, गुलाम नबी (इफ़्तेख़ार) और उसके कुत्ते खैरू के साथ रहती है। वहां उसका एक प्रेमी यूसुफ (फ़ारुख़ शेख़) है। वे दोनों शादी करने का फैसला करते है। शादी की तारीख पास आ जाती है और तैयारी शुरू हो जाती है। लेकिन भाग्य में कुछ और ही था। एक अन्य ग्रामीण, बशीर खान (भरत कपूर) नूरी को पसंद करता है और नूरी के पिता के पास जाता है। वह नूरी का हाथ मांगता है जिसके लिए गुलाम नबी मना कर देता है। गुस्से में बशीर खान तब गुलाम नबी की हत्या का इंतजाम अपने आदमियों के जरिए उस पर पेड़ गिरा कर करता है। शादी को कुछ समय के लिये निलंबित कर दिया जाता है।
कुछ महीने बाद शादी की तैयारी पुन: चालू हो जाती है। बशीर खान जो कि यूसुफ का मालिक है, शादी से कुछ दिन पहले उसे शहर से बाहर कुछ काम के लिये भेज देता है। जब यूसुफ शहर से बाहर है, बशीर खान नूरी के घर पर जाता है और उसके साथ बलात्कार करता है। नूरी आत्महत्या कर लेती है और यूसुफ को पता चलता है कि यह सब बशीर का किया हुआ है। इसलिए वह उसे मारने के लिए उसके पीछे भागता है। उसके पीछे खैरू भी भागता है। वहा उनके बीच हाथा-पाई होती हैं और यूसुफ को बशीर द्वारा गोली मार दी जाती है। जैसे ही बशीर वापस आता है, वहा उसे खैरू मिल जाता है जो आखिर में बशीर को मार डालता है। यूसुफ़ गोली लगने के बाद उस जगह पर जाता है, जहाँ नूरी की मृत्यु हुई थी और उसका मृत शरीर पड़ा हुआ था। अंत में दोनों को एक दूसरे के साथ दफनाया जाता है।
कलाकार
- फारूक शेख - यूसुफ फकीर मोहम्मद के रूप में
- पूनम ढिल्लों - नूरी नबी के रूप में
- मदन पुरी - लाला करमचंद के रूप में
- इफ्तिखार - गुलाम नबी के रूप में
- पद्म खन्ना - वेश्या के रूप में
- गीता सिद्धार्थ - करमचंद की बहू के रूप में
- जावेद खान - फौलाद खान के रूप में
- भरत कपूर - बशीर खान के रूप में
- अवतार गिल - बशीर के दोस्त के रूप में
- मनमोहन कृष्ण - साईजी (कहानीकार) के रूप में
गीत संगीत
निम्नलिखित गीत के संगीत [4] खय्याम द्वारा बनाये गए थे, गीत के बोल जाँनिसार अख्तर, नक्श लायलपुरी और मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखे थे।
# | शीर्षक | गायक/गायिका | गीतकार | अवधि |
---|---|---|---|---|
1 | "आजा रे, ओ मेरे दिलबर आजा" - पहला | नितिन मुकेश, लता मंगेशकर | जाँनिसार अख्तर | 4:58 |
2 | "चोरी चोरी कोई आए" | लता मंगेशकर | नक़्श लायलपुरी | 5:04 |
3 | "क़दर तूने ना जानी" | आशा भोसले | नक़श लायलपुरी | 5:12 |
4 | "उसके खेल निराले वो ही जाने" | पामेला चोपड़ा, जगजीत कौर, अनवर | मजरुह सुल्तानपुरी | 4:54 |
5 | "आशिक हो तो ऐसी हो" (कव्वाली) | पामेला चोपड़ा, महेंद्र कपूर, जगजीत कौर, स्वदेश महान | जाँनिसार अख्तर | 6:31 |
6 | "आजा रे ओ मेरे दिलबर आजा" - दूसरा | नितिन मुकेश, लता मंगेशकर | जाँनिसार अख्तर | 5:03 |
पुरस्कार एवं नामांकन
वर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
---|---|---|---|
1980 | पूनम ढिल्लों | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार | नामित |
यश चोपड़ा (यश राज फ़िल्म्स के लिये) | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार | नामित | |
मनमोहन कृष्ण | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार | नामित | |
खय्याम | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार | नामित |
सन्दर्भ
- ↑ Box Office 1979 Archived 20 अक्टूबर 2013 at the वेबैक मशीन
- ↑ "印度片現在這麼火也不是沒有原因的". Xuehua. 2018-04-07. मूल से 6 मई 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 March 2019.
- ↑ "Dangal underlines popularity of Indian films in China". China Daily. 2017-07-20. मूल से 5 अक्तूबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 अक्तूबर 2019.
- ↑ "Noorie : Lyrics and video of Songs from the Movie Noorie (1979)". HindiGeetMala. मूल से 24 अक्तूबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 अक्तूबर 2019.