निज़ाम सिद्दिक़ी
निज़ाम सिद्दिक़ी | |
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पेशा | साहित्यकार |
भाषा | उर्दू भाषा |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
विधा | समालोचन |
उल्लेखनीय कामs | माबाद-ए-जदिदिआत से नये अहेद की तखलिकि़यात तक |
निज़ाम सिद्दिक़ी भारतीय उर्दू भाषा के विख्यात समालोचक एवं लेखक हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना माबाद-ए-जदिदिआत से नये अहेद की तखलिकि़यात तक के लिये उन्हें सन् २०१६ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (उर्दू) से सम्मानित किया गया।[1]
सिद्दिक़ी उर्दू भाषा के साथ हिन्दी, अरबी, फ्रेंच, अंग्रेज़ी और फारसी साहित्य में भी रुची रखते हैं। उनकी प्राथमिक शिक्षा इलाहाबाद में हुई और फिर कानपुर विश्वविद्यालय से ग्रैजुएशन और पेास्ट ग्रैजुएशन पूरा किया। बतौर समालोचक उनकी तीन किताबे छपी हैं और लेखक के रूप में उन्होंने सात पुस्तकोंका प्रकाशन किया हैं।[2]
सन्दर्भ
- ↑ "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ११ अगस्त २०१७.
- ↑ संजय पांडे (२१ दिसम्बर २०१६). "'समालोचक हूं, उम्मीद न थी, मिला तो खुशी हुई'". नवभारत टाइम्स. मूल से 24 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ११ अगस्त २०१७.