निकल
निकल एक रासायनिक तत्व है जो रासायनिक रूप से संक्रमण धातु समूह का सदस्य है। यह एक श्वेत-चाँदी रंग की धातु है जिसमें ज़रा-सी सुनहरी आभा भी दिखती है। यह सख़्त और तन्य होता है। हालाँकि निकल के बड़े टुकड़ों पर ओक्साइड की परत बन जाती है जिस से अंदर की धातु सुरक्षित रहती है, निकल वैसे ओक्सीजन से तेज़ी से रासायनिक अभिक्रिया (रियेक्शन) कर लेता है। इस कारणवश पृथ्वी की सतह पर निकल शुद्ध रूप में नहीं मिलता और अगर मिलता है तो इसका स्रोत अंतरिक्ष से गिरे लौह उल्का होते हैं। वैज्ञानिक यह मानते हैं कि पृथ्वी का क्रोड निकल-लौह के मिश्रित धातु का बना हुआ है।[1]
प्रयोग
निकल हवा में उपस्थित ओक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके अपने ऊपर एक पतली सुरक्षादायनी पतली परत बना लेता है जिस से अन्दर की धातु बची रहती है। इस वजह से इसका प्रयोग लोहे व अन्य धातुओं पर निकल की परत चढ़ाकर उन्हें ज़ंग लगने से बचाने के लिये किया जाता है। यह एक लौहचुम्बकत्व रखने वाला तत्व है और इस से बने चुम्बक उद्योग व अन्य प्रयोगों में इस्तेमाल होते हैं। इसके अलावा निकल को इस्पात में मिलाकर उसे 'स्टेनलेस' (ज़ंग-रोधक) बनाने के काम में भी लाया जाता है।[2]
चित्र
- शुद्ध निकल के बने नीदरलैण्ड के सिक्के
- निकल के टुकड़े
- निकल हाइड्रोक्साइड - Ni(OH)2
- निकल
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Stixrude, Lars; Waserman, Evgeny; Cohen, Ronald (November 1997). "Composition and temperature of Earth's inner core". Journal of Geophysical Research (American Geophysical Union) 102 (B11): 24729–24740. Bibcode:1997JGR...10224729S. doi:10.1029/97JB02125.
- ↑ Derek G. E. Kerfoot (2005), "Nickel", Ullmann's Encyclopedia of Industrial Chemistry, Weinheim: Wiley-VCH, doi:10.1002/14356007.a17_157