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निःशुल्क और मुक्तस्रोत सॉफ्टवेयर का इतिहास

१९५० तथा १९६० के दशक में कम्प्यूतरों के प्रचालन तंत्र तथा कम्पाइलर, हार्डवेयर खरीदने पर उसके साथ प्रदान किए जाते थे और अलग से कोई शुल्क नहीं लगता था। उस समय मानव द्वारा पढ़ा जा सकने वाला सॉफ्टवेयर (स्रोत कोड) प्रायः वितरित किया जाता था ताकि उसमें मौजूद गलतियों को ठीक किया जा सके या उनमें कोई नए फलन (function) जोड़े जा सकें। अभिकलन प्रौद्योगिकी का प्रचलन अधिकांश विश्वविद्यालयों में ही हुआ। इन विश्वविद्यालयों में जो परिवर्तन/परिवर्धन किए गए वे दूसरों के साथ भी साझा किए गए और इस प्रकार संस्थानों ने साझेदारी की दिशा में कदम बढ़ाया।

जैसे-जैसे बड़े-आकार के प्रचालन तंत्रों में परिपूर्णता आने लगी, अब ऐसा समय आया कि बहुत कम संस्थान इन प्रचालन तंत्रों में परिवर्धन की अनुमति देते थे। धीरे-धीरे ये प्रचालन तंत्र बन्द स्रोत हो गए।

किन्तु उपयोगकारी सोफ़्टवेयर एवं अन्त अनुप्रयोग अब भी साझा किए जाते हैं तथा सॉफ्टवेयर को साझा करने के लिए नई संस्थाएँ आ चुकी हैं।

मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर का का संकल्पनात्मक चित्र (नाम स्पेनी भाषा में हैं)

प्रमुख घटनाएँ

  • 1983 – रिचर्ड स्तालमैन ने ग्नू (GNU) परियोजना आरम्भ की
  • 1989 – 386BSD पर कार्य आरम्भ
  • 1994 – MySQL के विकास पर कार्य आरम्भ
  • 1998 – नेटस्केप ने अपने ब्राउजर को मुक्तस्रोत कर दिया

सन्दर्भ

इन्हें भी देखें