"नारद पंचरात्र" के नाम से एक प्रसिद्ध वैष्णवग्रंथ है। इस ग्रन्थ में दस महाविद्याओं की कथा विस्तार से कही गई है। इस कथा के अनुसार हरी का भजन ही मुक्ति का परम कारण माना गया है।
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