नाता प्रथा
नाता प्रथा इस प्रथा के अनुसार कुछ जातियों में पत्नी अपने पति को छोड़ कर किसी अन्य पुरुष के साथ रह सकती है। इसे नाता करना कहते हैं। इसमें कोई औपचारिक रीति रिवाज नहीं करना पड़ता। केवल आपसी सहमति ही होती है,यह प्रथा राजस्थान में गुर्जरों यह प्रथा आज भी प्रचलित है। [1][2][3]
राजस्थान में आज भी कायम इस पुरानी परंपरा को माना जाता है। यह प्रथा आधुनिक समाज में महिलाओ की दशा सुधारने के लिए बनाई गयी है। कहा जाता है कि नाता प्रथा को विधवाओं व परित्यक्ता स्त्रियों को सामाजिक जीवन जीने के लिए मान्यता देने के लिए बनाया गया था, जिसे आज भी माना जाता है। नाता प्रथा के अनुसार कोई भी विवाहित पुरुष या महिला(विधवा,परित्यक्ता) सामाजिक बंधनों का निर्वाह कर अन्य सामाजिक पुरुष या महिला के साथ अपनी मर्ज़ी से संपूर्ण रीति रिवाज के साथ वेवाहिक बंधन मैं बंध जाते है,और इसमें एक सुरक्षा राशि भी अदा की जाती है अथवा कन्ही मामलों मे नहीं भी,यह राशि अधिकांश मामलों मैं वर (पुरूष)पक्ष की और से की जाती है। [4][5]
प्रचलन
नाता प्रथा में पाँच गाँव के पंचों द्वारा पहले विवाह के दौरान जन्में बच्चे या फिर अन्य मुद्दों पर चर्चा कर निपटारा किया जाता है ताकि बाद में दोनों के जीवन में इन बातों से कोई मतभेद पैदा न हों। राजस्थान में इस प्रथा का चलन ब्राह्मण, क्षत्रिय और जैन को छोड़कर बाकी सभी जातियों में जैसे-लोहार, धाकड़, जोगी, गुर्जर, अहीर, दलित समुदाय और आदिवासी क्षेत्रों में रह रहे जाति विशेष (भील, मीणा, गरासिया, डामोर और सहरिया) समुदाय में अधिक देखने को मिलता है। इस प्रथा की वजह से वहाँ की महिलाओं और पुरुषों को तलाक के क़ानूनी झंझटों से मुक्ति मिल जाती है और उनको अपनी पसंद का जीवन साथी भी मिल जाता है।[6]
संदर्भ
- ↑ "नाता प्रथा जिसमें युवती को लिवइन रिलेशनशिप में रहने को किया जाता है मजबूर". India TV News Desk. 2017.
- ↑ "नाता प्रथा: 'मॉडर्न इंडिया' का ओल्ड 'लिव-इन रिलेशनशिप". Roarmedia. 2018. मूल से 9 फ़रवरी 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 फ़रवरी 2022.
- ↑ "सदियों पुरानी है राजस्थान में लिव इन रिलेशनशिप की यह परंपरा". hindi Oneindia.com. 2011.
- ↑ मिर्ज़ा, जया भम्भा, संपा॰ (2018). "नाता प्रथा – स्त्री अस्मिता बचाने के नाम पर बेचने का व्यापार". Prajaatantra.com. मूल से 9 फ़रवरी 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 फ़रवरी 2022.
- ↑ "नाता प्रथा". मूल से 9 फ़रवरी 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 फ़रवरी 2022.
- ↑ शर्मा, रमा, संपा॰ (2021). "लिव इन रिलेशन को नकारने वाला समाज नाता प्रथा पर चुप क्यों रहता है?". Ground report.in.