नागालैण्ड का इतिहास
नागालैंड भारत के उत्तर-पूर्व में स्थित एक भारतीय राज्य है, यह 1 दिसम्बर 1963 को भारत का 16वाँ राज्य बना। इसकी राजधानी कोहिमा है। इस राज्य के पूर्व में म्यांमार, पश्चिम में असम, उत्तर में अरुणाचल प्रदेश, और दक्षिण में मणिपुर से घिरा हुआ है। और इसे ‘पूरब का स्विट्जरलैंड’ भी कहा जाता है।
नागालैंड का कोई प्रारंभिक लिखित इतिहास नही है, जबकि पडोसी असम राज्य के अहोम साम्राज्य में नागा समुदाय, उनकी अर्थव्यवस्था और रीती-रिवाजो का उल्लेख किया गया था।
काल खण्ड
- 1816 में जब म्यांमार के बर्मन ने असम पर आक्रमण किया तो इसके परिणामस्वरूप 1819 में दमनकारी बर्मन शासन की नीव रखी गयी और 1826 में असम में ब्रिटिश शासन की स्थापना तक यह शासन चला।
- 1947 में भारत की आजादी के बाद, नागा समुदाय के लोग असम के छोटे से भाग में बसे हुए थे। जबकि मजबूत राष्ट्रिय अभियान के माध्यम से नागा समुदाय के राजनितिक संघ की भी मांग की गयी। इस अभियान के चलते बहुत सी हिंसक गतिविधियाँ हुई और 1955 में भारतीय सेना को व्यवस्था पुनर्स्थापित करने का आदेश भी दिया गया।
- 1957 में नागा नेता और भारत सरकार के बीच सहमति बनाने के बाद, असम के पहाड़ी क्षेत्रो में रहने वाले नागा और तुएंसंग फ्रंटियर डिवीज़न के नागाओ को भारत सरकार के प्रशासन में एक ही छत के नीचे लाया गया। सहमति के बावजूद भारत सरकार से असहकार, कर ना देना, तोड़-फोड़ और सेना पर आक्रमण करने जैसी हरकते होने लगी।
- 1960 में नागा लोगो के सम्मलेन बैठक इस बात को पेश किया गया की नागालैंड को भारतीय संघ का हिस्सा होना चाहिए। 1963 में नागालैंड को राज्य का दर्जा दिया गया और 1964 में लोकतांत्रिक ढंग से यहाँ एक कार्यालय की स्थापना की गयी।
- 1 दिसम्बर 1963 में कोहिमा को राज्य की राजधानी घोषित किया गया।
- विद्रोही गतिविधियाँ जारी रही, साथ ही क्षेत्र में डाकुओ की संख्या भी बढ़ रही थी। मोल भाव कर कुछ समय तक विद्रोह को रोका गया और मार्च 1975 में राज्य पर प्रत्यक्ष राष्ट्रपति शासन लागू किया गया।
- 1975 सबसे बड़े विद्रोह समूहों के नेताओं ने अपने हथियार डालने और भारतीय संविधान को स्वीकार करने पर सहमति व्यक्त की।[1]
- 1980 में शक्तिशाली समर्थक अलगाववादी चरमपंथी समूह, नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड की स्थापना की गयी।
सन्दर्भ
- ↑ Nagaland, Encyclopædia Britannica (2011)