नागपुर
नागपुर मराठी: नागपूर | ||
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महानगर | ||
ऊपर से दक्षिणावर्त: दीक्षाभूमि, नागपुर ऑरेंज, विदर्भ क्रिकेट असोसियेशन, नगर दृश्य, स्वामिनारायण मंदिर | ||
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नागपुर महाराष्ट्र में स्थिति | ||
निर्देशांक: 21°09′N 79°05′E / 21.15°N 79.08°Eनिर्देशांक: 21°09′N 79°05′E / 21.15°N 79.08°E | ||
देश | भारत | |
प्रान्त | महाराष्ट्र | |
ज़िला | नागपुर ज़िला | |
स्थापना | 1702[1] | |
संस्थापक | गोंड राजा (बख्त बुलंद शाह) | |
शासन | ||
• प्रणाली | महापौर-परिषद | |
• सभा |
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• सांसद | नितिन गडकरी (भाजपा) | |
• महापौर | दयाशंकर तिवारी (भाजपा) | |
क्षेत्रफल | ||
• नगर | 393.50 किमी2 (151.93 वर्गमील) | |
• नागपुर नगर | 227.36 किमी2 (87.78 वर्गमील) | |
ऊँचाई | 310 मी (1,020 फीट) | |
जनसंख्या (2011) | ||
• नगर | 24,05,665 | |
• दर्जा | भारत: 13वाँ महाराष्ट्र : तीसरा विदर्भ: प्रथम | |
• घनत्व | 11000 किमी2 (30,000 वर्गमील) | |
• महानगर | 24,97,870 | |
भाषा | ||
• प्रचलित | मराठी, हिन्दी | |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) | |
पिनकोड | 440 001 – 440 037[2] | |
दूरभाष कोड | +91-712 | |
वाहन पंजीकरण | MH-31 (नागपुर पश्चिम) MH-49 (नागपुर पूर्व)[3] MH-40 | |
उत्पाद | $43 अरब (2021-22) [4] | |
एचडीआई | Very High[5] | |
वेबसाइट | www www www www |
नागपुर भारत के महाराष्ट्र राज्य का तीसरा सबसे बडा शहर है। यह महाराष्ट्र और भारत का एक प्रमुख नगर है और भारत के मध्य में स्थित है। नागपुर को महाराष्ट्र कि उपराजधानी होने का दर्जा प्राप्त है।[6][7]
नागपुर भारत का १३वां व विश्व का ११४ वां सबसे बड़ा शहर हैं। यह नगर संतरों के लिये काफी मशहूर है। इसलिए इसे लोग संतरों की नगरी भी कहते हैं। हाल ही में इस शहर को देश के सबसे स्वच्छ व सुंदर शहर का इनाम मिला है। नागपुर भारत देश का दूसरे नंबर का ग्रीनेस्ट (हरित शहर) शहर माना जाता है।नागपुर शहर की स्थापना गोंड राजा बख्त बुलंद शाह ने की थी। फिर वह राजा भोसले के उपरान्त मराठा साम्राज्य में शामिल हो गया। १९वीं सदी में अंग्रेज़ी हुकूमत ने उसे मध्य प्रान्त व बेरार की राजधानी बना दिया। आज़ादी के बाद राज्य पुनर्रचना ने नागपुर को महाराष्ट्र की उपराजधानी बना दिया। बाबा साहेब डा.भीमराव अंबेडकर की यह दीक्षा भूमि भी है।नागपुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद जैसे राष्ट्रवादी संघटनाओ का एक प्रमुख केंद्र है।
नाम Nadeem Shah
नागपुर का नाम नाग नदी से रखा गया है। यह नदी नागपुर के पुराने हिस्से से गुजरती है। नागपुर महानगर पालिका के चिन्ह पर नदी और एक नाग है। नागपुर संत्रों के लिये मशहूर है और उसे संत्रा नगरी भी कहा जाता है ! नागपुर में नाग सांप बहुत पाया जाता था इस कारण से नागपुर का नाम नागपुर रखा गया।
इतिहास
नागपुर शहर की स्थापना देवगड़ (छिंदवाड़ा)के शासक गोंड वंश के राजा बख्त बुलंद शाह ने की थी।यहां आज भी गोंड काल की भव्य इमारत हैं।संतरे की राजधानी के रूप में विख्यात नागपुर महाराष्ट्र का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। पर्यटन की दृष्टि से यह महाराष्ट्र के अग्रणी शहरों में शुमार किया जाता है। यहां बने अनेक मंदिर, ऐतिहासिक इमारतें और झील यहां आने वाले सैलानियों के केन्द्र में होते हैं। इस शहर से बहने वाली नाग नदी के कारण इसका नाम नागपुर पड़ा। नागपुर की स्थापना देवगढ़ के गोंड राजा बख्त बुलंद शाह ने 1703 ई. में की थी। यह शहर 1960 तक मध्य भारत राज्य की राजधानी था। 1960 के बाद यहां की मराठी आबादी को देखते हुए इसे महाराष्ट्र के जिले के रूप में शामिल कर लिया गया। 9890 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले इस जिले में 13 तहसील और 1969 गांव शामिल हैं।
भूगोल
नागपुर का स्थान २१°०६' उत्तर अक्षांश, ७९° ०३' पूर्व रेखांश है।
नागपुर | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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जलवायु सारणी (व्याख्या) | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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पर्यटन स्थल
अंबाझरी झील
शहर के पश्चिमी हिस्से में स्थित यह झील 15.4 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है। चारों ओर से खूबसूरत बगीचों से घिरी इस झील में नौकायन का आनंद लिया जा सकता है। झील के संगीतमय फव्वारे इस झील की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं। झील के साथ ही एक बेहद खूबसूरत बगीचा है जिसे नागपुर के सबसे सुंदर स्थलों में शामिल किया जाता है।
बालाजी मंदिर
सेमीनरी पहाड़ियों के सुरमय वातावरण में भगवान वेंकटेश बालाजी का यह मंदिर बना हुआ है। मंदिर की अद्भुत वास्तुकारी देखने और आध्यात्मिक वातावरण की चाह में उत्तर और दक्षिण भारत से हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं का यहां आगमन होता है। मंदिर परिसर में भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा भी स्थापित है, जिसे देवताओं की सेना का सेनापति कहा जाता है।
पोद्दारेश्वर राम मंदिर
इस मंदिर का निर्माण राजस्थान के पोद्दार परिवार के श्री जमुनाधर पोद्दार ने 1923 ई. में करवाया था। मंदिर में भगवान राम और शिव की प्रतिमाएं स्थापित हैं। सफेद संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर से बने इस मंदिर में खूबसूरत नक्कासी की गई है। राम नवमी को होने वाली राम जन्मोत्सव शोभायात्रा के दौरान यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होते हैं।
गोरेवाडा प्राणी संग्रहालय व् जंगल सफारी
यह जंगल सफारी नागपुर के उत्तर में स्थित है !
स्वामी नारायण मन्दिर -
नागपुर शहर के पूर्व में यह स्वामी नारायण भगवान का मन्दिर है ! यह मन्दिर अत्यंत सुंदर तरीके बनाया गया है !
दीक्षाभूमि
पश्चिमी नागपुर में रामदास पेठ के निकट दीक्षाभूमि स्थित है। भारतरत्न डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर जी ने इसी जगह 1956 मे अपने लाखो अनुयायीयो के समक्ष बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी। हर साल बौद्ध धम्म के अनुयायी लाखो की संख्या मे आकर भेट देते है इसी कारण यह स्थान तीर्थस्थल के तौर पर जाना जाता है। इस स्थान पर एक मेमोरियल भी बना हुआ है। सांची के स्तूप जैसी एक शानदार इमारत का यहां निर्माण किया गया है जिसे बनवाने में 6 करोड़ रूपये खर्च हुए थे। इस इमारत के प्रत्येक खंड में एक साथ 5000 भिक्षु ठहर सकते हैं।
अदासा
यह नागपुर का एक छोटा-सा गांव है। यहां अनेक प्राचीन और शानदार मंदिर देखे जा सकते हैं। यहां के गणपति मंदिर में भगवान गणेश की एकल शिलाखंड से बनी प्रतिमा स्थापित है। अदासा के समीप ही एक पहाड़ी में तीन लिंगों वाला भगवान शिव को समर्पित मंदिर बना हुआ है। माना जाता है कि इस मंदिर के लिंग अपने आप भूमि से निकले थे।
रामटेक
रामटेक नामक तीर्थ स्थल नागपुर से करीब ५० की मी दुरी पर स्थित है ! स्थान को रामटेक इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां भगवान राम और उनकी पत्नी सीता के पवित्र चरणों का स्पर्श हुआ था। यहां की पहाड़ी के शिखर पर भगवान राम का मंदिर बना हुआ है, जो लगभग 600 साल पुराना माना जाता है। रामनवमी पर्व यहां बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। संस्कृत कवि कालिदास के मेघदूतम में इस स्थान को रामगिरी कहा गया है। इसी स्थान पर उन्होंने मेघदूतम की रचना की थी। पहाड़ी पर कालिदास का समर्पित एक स्मारक भी बना हुआ है। रामटेक पहाड़ी के उत्तर में निचले कर्पुर बावली नामक स्थान है जहा करीब १२०० साल पुराना जीर्ण मन्दिर है ! खिंडसी नामक बड़ा तालाब भी रामटेक के पूर्व में स्थित है ! रामटेक अत्यंत सुंदरा जैन मन्दिर है !
मनसर पुरातात्विक स्थल
यहा प्राचीन वाकाटक साम्राज्य के प्रवरपुर के प्राचीन अवशेष है ! यहाँ प्राचीन शिवलिंग भी है !
खेकरानाला
नागपुर से 55 किलोमीटर दूर खेकरानाला में एक खूबसूरत बांध बना हुआ है। यहां के मनोरम और शांत वातावरण में सुकून के कुछ पल गुजारने के लोग आते रहते हैं। खेकरानाला का स्वस्थ और हरा-भरा वातावरण पिकनिक के लिए भी बहुत अनुकूल माना जाता है।
मरकड
वेनगंगा नदी के बांए तट पर स्थित मरकड एक धार्मिक स्थल के रूप में लोकप्रिय है। संत मार्कडेंय के नाम पर इस जगह का नाम पड़ा। यहां लगभग 24 मंदिरों का समूह है। माना जाता है कि यहां के शिवलिंग की मार्कडेंयने पूजा की थी। यहां के मंदिरों की वास्तुकारी खजुराहो के मंदिरों से मिलती है।
नगरधन
नगरधन एक महत्वपूर्ण प्रागैतिहासिक नगर है। इस नगरधन को प्राचीन नन्दिवर्धन होने की बात कही जाती है ! शैल साम्राज्य के राजा नंदवर्धन को इस नगर का मूल संस्थापक माना जाता है। नगरधन में भोंसलों द्वारा स्थापित एक किला है जिसकी दीवारें ईंटों से बनी हुई हैं। यहां एक वन्यजीव अभयारण्य भी है। यहां जंगली जानवरों को खुले में विचरण करते देखा जा सकता है। गौर यहां का मुख्य आकर्षण है। साथ ही सांभर, हिरन और अन्य बहुत से जीवों को देखा जा सकता है।
नवेगांव बांध
नवेगांव बांध को विदर्भ के सबसे लोकप्रिय फॉरेस्ट रिजॉर्ट में शुमार किया जाता है। यहां साहसिक खेलों के अनेक अवसर उपलब्ध हैं। इस बांध को 18वीं शताब्दी की शुरूआत में कोलू पटेल कोहली ने बनवाया था। यहां की पहाड़ियों के बीच एक बेहद खूबसूरत झील भी बनी हुई है। नवेगांव बांध के वाचटॉवर से यहां के वन्यजीवों की गतिविधियां देखी जा सकती हैं। यहां एक डीयर पार्क भी बना हुआ है।
सेवाग्राम
महात्मा गांधी ने 1933 में सेवाग्राम आश्रम स्थापित किया था। यहां उन्होंने अपने जीवन के 15 वर्ष व्यतीत किए थे। कहा जाता है कि इस स्थान पर महात्मा गांधी समाज सेवा के विविध कार्यक्रम संपन्न करते थे। इसी कारण इसे सेवाग्राम कहा जाता है। यहां के यात्री निवास में लोगों के ठहरने की व्यवस्था है।
सीताबर्डी किला
यह किला दो पहाड़ियों पर बना है। किले को 1857 में एक ब्रिटिश अफसर ने बनवाया था। तब से यह किला नागपुर आने वाले सैलानियों को लुभा रहा है।
शिक्षा और वाणिज्य
नागपुर में लगभग 10 से भी अधिक अभियांत्रीकी (इंजीनियरिंग) महाविद्यालय है। नागपुर विश्वविद्यालय महाराष्ट्र का एक बहुत बड़ा विश्वविद्यालय है। मेडिकल व् अन्य विषयों की शिक्षा प्राप्त करने के लिए भी नागपुर एक स्थान है !
आवागमन
- वायु मार्ग
डॉ॰बाबासाहब अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र जिसे सोनेगांव एयरपोर्ट भी कहते हैं, यहां का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है जो सिटी सेंटर से 6 किलोमीटर की दूरी पर है। इस घरेलू एयरपोर्ट से देश के कई शहरों के लिए फ्लाइटें हैं।
- रेल मार्ग
नागपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन राज्य का एक प्रमुख रेलवे जंक्शन है। मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, कोल्हापुर, पुणे, अहमदाबाद, हैदराबाद, वाराणसी, गोरखपुर, भुवनेश्वर, त्रिवेन्द्रम, कोचीन, बंगलुरू, मंगलौर, पटना, इंदौर और सीतामढ़ी आदि शहरों से यहां के लिए सीधी ट्रेनें हैं। यह मध्य रेल का एक बहुत बड़ा और व्यस्त डिविशण (भाग) है।
- सड़क मार्ग
राष्ट्रीय राजमार्ग 44, राष्ट्रीय राजमार्ग 47 और राष्ट्रीय राजमार्ग 53 नागपुर को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ता है। मुंबई, संभलपुर, कोलकाता, वाराणसी और कन्याकुमारी जैसे शहरों से यहां सड़क मार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है। नागपुर में सिटी बस की सेवा भी उपलब्ध है जो शहर में लोगों को शहर में एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाता है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "Scrap dealer holds key to entry into Bakht Buland Shah's grave". The Times of India. अभिगमन तिथि 25 November 2016.
- ↑ "Pincodes of Nagpur City". Pincode.nagpuronline.in. अभिगमन तिथि 25 February 2017.
- ↑ News, Nagpur. "RTO (East) activates new Sarthi 4.0 system for Learning and Driving Licenses". www.nagpurtoday.in. अभिगमन तिथि 25 April 2019.[मृत कड़ियाँ]
- ↑ https://mahades.maharashtra.gov.in/files/report/DDP_Final_04.08.2021.pdf
- ↑ "Economic Survey of Maharashtra 2014–15" (PDF). Maharashtra.gov.in. अभिगमन तिथि 25 February 2017.
- ↑ "RBS Visitors Guide India: Maharashtra Travel Guide," Ashutosh Goyal, Data and Expo India Pvt. Ltd., 2015, ISBN 9789380844831
- ↑ "Mystical, Magical Maharashtra," Milind Gunaji, Popular Prakashan, 2010, ISBN 9788179914458